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Puran Kavya Stotra Sudha - Page 312

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परिशिष्टा नि-गमासहस्रनामस्तोत्रम्
२९९
॥४१॥ कमलाक्षी क्लमहरा कृशानुतपनद्युतिः । करुणार्द्रा च कल्याणी
कलिकल्मषनाशिनी ॥४२॥ कामरूपा क्रियाशक्तिः कमलोत्पलमालिनी ।
कूटस्था करुणा कात्ता कूर्मयाना कलावती ॥४३॥ कमला कल्पलतिका काली
कलुषवैरिणी | कमनीयजला कम्रा कर्पादकपदंगा ॥४४॥ कालकूटप्रशमनी
कदम्बकुसुमप्रिया | कालिन्दीकेलिललिता कलकल्लोलमालिका ॥४५॥
ऋान्त लोकत्रयाकण्डूः कण्डूतनयवत्सला । खड्गिनी खड्गधाराभा खगा खण्डेन्दु-
घारिणी ॥४६॥ खेखेलगामिनी खस्था खण्डेन्दुतिलकप्रिया | खेचरी
खेचरोवन्द्या ख्याति: ख्यातिप्रदायिनी ॥४७॥ खण्डितप्रणताघौघा खलबुद्धि-
विनाशिनी | खातंन: कन्दसन्दोहा खड्गखटवाडयाखेटिनी ||४८|| खरसन्ताप-
शमनो खनिः पोयूषपाथसाम् । गऊगा गन्धवती गौरी गन्धर्वनगरप्रिया
॥४९॥ गम्भीरांगी गुणमयी गतातडका गतिप्रिया । गणनायाम्बिका गीता
गद्यपद्यपरिष्टुता ॥५०॥ गान्धारीगर्भशमनी गतिभ्रष्टगतिप्रदा। गोमती
गुह्यविद्या गौर्गोत्री गगनगामिनी ॥५१॥ गोत्रप्रवविनी गुण्या गुणातीता
गुणाग्रणी | गुहाम्बिका गिरिसुता गोविन्दांघ्रिसमुद्भवा ॥५२॥ गुणनीयचरित्रा
च गायत्री गिरिशप्रिया गूढरूपा गुणवती गुर्वीगौरवर्वाधिनी ॥५३॥ ग्रहपोडा-
हरा गुंद्रागरनी गानवत्सला | घर्महंत्रो घृतवती घृततुष्टिप्रदायिनी ॥५४॥
घण्डारवप्रिया घोराऽधौव विध्वंसकारिणी । घामनुष्टीकरी घोषा घनानन्दा
घनत्रिया ॥५५॥ धातुका घूमितजला घृष्टपात कसन्ततिः | घटकोटिप्रपोतापा
घटिताशेषमङ्गला ॥५६॥ घृणावती घृणनिधिर्धस्मरा घूकनादिनी घुसणापि
ञ्जरतनुर्धर्धरा घर्घरस्वना ||५७|| चन्द्रिका चन्द्रकान्ताम्बुश्चञ्चदापा चलद्युतिः।
चिन्मयो चितिरूपा च चन्द्रायुतशतानना ||५८॥ चाम्पेयलोचना चारुश्चावंगी
चारुगामिनी । चार्याचारित्रनिलया चित्रकृच्चित्ररूपिणी ॥ ५९॥ चम्पूश्चन्दन-
शुच्यंबरचर्चनीया चिरस्थिरा। चारचम्पकमालाढया चमिताशेषदुष्कृता ॥६०॥
चिदाकाशवहाचिन्त्या चञ्चच्वामरवीजिता | चोरिताशेषवृजिना चरिताशेष-
मण्डला ॥६१॥ छेदिताखिलपापौघा छनी छलहारिणी। छन्नत्रिविष्टपतला
छोटिताशेषबन्वना ||६२|| छुरितामृतवारोवा छिलेनाइछन्दगामिनी | छत्री-
कृतमरालौघा छटीकृतनिजामृता ||६३|| जाह्नवीज्या जगन्माता जप्या जंघाल-
वीचिका । जया जनार्दनशीता जुत्रगोया जगद्धिता ॥६४॥ जीवनं जीवनप्राणा
जगज्ज्येष्ठा जगन्मयो । जोवजोवा तु लतिका जन्मिजन्मनिर्वाहणो ॥६५॥

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Last Updated : September 23, 2022

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