सुदिन उगवला ॥ गुरुराज भेटला ॥ अजि सु० ॥
हरपले काम क्रोध ॥ गेले सर्व विषय विरोध ॥
नच उरला द्वैत भेद ॥ तारिले मला ॥गुरु०॥१॥
पातलिसे शांति क्षमा ॥ आलि भाव भक्ति अम्हा ॥
दत्तनामि बहु प्रेमा ॥ वाढु लागला ॥गुरु०॥२॥
वाटे ब्रह्म आले हाता ॥ चुकलि जननमरणव्यथा म्हणे ॥
कृष्णा गुरुनाथा ॥ देह वाहिला ॥गुरु०॥३॥