हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार|
ऊधो ! तुम तो बड़े बिरागी ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - ऊधो ! तुम तो बड़े बिरागी ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।


ऊधो ! तुम तो बड़े बिरागी ।

हम तो निपट गँवारि ग्वालिनीं, स्याम-रूप अनुरागी ॥

जेहि छिन प्रथम स्याम छबि देखी, तेहि छिन ह्रदय समानी ।

निकसत नहिम अब कौनेहू बिधि रोम-रोम उरझानी ॥

आठों जाम मगन मन निरखत स्याम मुरति निज माही ।

दृग नहिं पेखत अन्य बस्तु जग, बुद्धि बिचारत नाहीं ॥

ऊधौ ! तुम्हरो ग्यान निरंतर होइ तुमहिं सुखकारी ।

हम तौ सदा स्याम-रँग राचीं ताहि न सकहिं उतारी ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : September 25, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP