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परम प्रिय मेरे प्राणाधार ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - परम प्रिय मेरे प्राणाधार ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

परम प्रिय मेरे प्राणाधार !

स्वजनोंसे सम्बन्ध छूटते मै निराश हो घबराया ।

पर निरुपाय, विवश हो तत्क्षण गृह नवीनमें मैं आया ॥

लगा पुरातन चिर नूतन सब 'मेरापन' सबमें पाया ।

विस्मृत हुआ पुरातन, नूतनको ही मैने अपनाया ॥

सबल, सुन्दर सुसंगठित देह ।

जनक-जननीका अविरल स्नेह ॥

प्रियाका मधुर वचन मृदुहास ।

सरल संततिका रम्य विकास ॥

कर रहा नित सुखका संचार । परम प्रिय मेरे प्राणाधार ।

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Last Updated : September 25, 2008

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