हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार|
करत नहिं क्यों प्रभुपर बि...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - करत नहिं क्यों प्रभुपर बि...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

करत नहिं क्यों प्रभुपर बिस्वास ।

बिस्वंभर सब जगके पालक पूरैं तेरी आस ॥

सुख लगि ठोकर खात इतहिं उत, डोलत सदा उदास ।

मिलत न कबहूँ सुख बिषयामें दुखमय यह अभिलास ॥

प्रभु-पद-पदम सदा चिंतन कर छूटै जमकी त्रास ।

मन अनंत आनंदमगन नित प्रमुदित परम हुलास ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : May 24, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP