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अब हरि ! एक भरोसो तेरो ।...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - अब हरि ! एक भरोसो तेरो ।...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

अब हरि ! एक भरोसो तेरो ।

नहि कछु साधन ग्यान भगतिको, नहिं बिराग उर हेरो ॥

अघ ढोवत अघात नहिं कबहूँ, मन बिषयनको चेरो ।

इंद्रिय सकल भोगरत संतत, बस न चलत कछु मेरो ॥

काम-क्रोध-मद-लोभ-सरिस अति प्रबल रिपुनते घेरो ।

परबस पर्‌यो, न गति निकसनकी यदपि कलेस घनेरो ॥

परखे सकल बंधु, नहिं कोऊ बिपदकालको नेरो ।

दीनदयाल दया करि राखउ, भव जल बूड़त बेरो ॥

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Last Updated : May 24, 2008

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