राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम ।
जगविश्राम ! मंगलधाम ! पूरणकाम ! सुन्दर नाम ॥
योग-जप-तप-व्रत नियम-यम, यज्ञदान अपार ।
रामसम नहिं एक साधन, राम सब आधार ॥
सब मिल कहो जय जय राम ॥ राम० ॥
राम गुरु, पितु-मातु रामहिं, राम सुह्रद उदार ।
राम स्वामी, सखा रामहिं राम प्रिय परिवार ॥
सब मिल कहो जय जय राम ॥राम०॥
राम जीवन, राम तन-मन, राम धन-जन दार ।
राम सुत, सुख-साज रामहि, राम प्राणाधार ॥
सब मिल कहो जय जय राम ॥राम०॥
राम राग, विराग रामहिं, राम स्नेहागार ।
राम प्रेमद, राम प्रेमिक, प्रेम-पारावार ॥
सब मिल कहो जय जय राम ॥राम०॥
राम बिधि, शिव राम, पालक विष्णु विध्वाधार ।
राममय जग, राम जगमय, रामही विस्तार ॥
सब मिल कहो जय जय राम ॥राम०॥