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मेरे एक राम -ना आधार । ढ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - मेरे एक राम -ना आधार । ढ...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

मेरे एक राम-ना आधार ।

ढूँढ़ थक्यो पर मिल्यो न दूजो, भीर परेको यार ॥

देखे सुने अनेक महीपति, पंडित, साहूकार ।

जद्यपि नीति-धरम-धन संयुत, नहिं अस परम उदार ॥

माता-पिता, भ्राता, नारी, सुत, सेवक, बंधु अपार ।

बिपदकालमहँ कोउ न संगी, स्वारथमय संसार ॥

करि करुना दयालु गुरु दीन्हों, राम-नाम सुखसार ।

दुस्तर भवसागरमहँ अटक्यो बेरो उतर्‌यो पार ॥

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Last Updated : May 24, 2008

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