श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - सूर्य -सोममें , वायु -व्य...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
सूर्य-सोममें, वायु-व्योममें, सलिल-धार, धरनीमें तुम ।
सुत-कलत्रमें, पुष्प-पत्रमें, स्वर्ण अश्म-अरणीमें तुम ॥
शत्रु-मित्रमें, सुख-अमर्षमें, अनल अतल सागरमें तुम ।
सबमें, सभी दिशामें छाये केवल हे नटनागर ! तुम ॥
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Last Updated : September 25, 2008

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