वन्दौं विष्णु विश्वाधार ॥
लोकपति, सुरपति,रमापति, सुभग शान्ताकार ।
कमल-लोचन कलुषहार कल्याण पद-दातार ॥
नील नीरद-वर्ण नीरज-नाभ नभ अनुहार ।
भृगुलता-कौस्तुभ सुशोभित ह्रदय मुक्ताहार ॥
शंकचक्र गदा कमलयुत भुज विभूषित चार ।
पीत-पट परिधान पावन अंग अंग उदार ॥
शेष-शय्या-शयित, योगी-ध्यान-गम्य, अपार ।
दुःखमय भव-भय-हरण, अशरणशरण, अविकार ॥