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संत महा गुनखानी । परिहरि...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - संत महा गुनखानी । परिहरि...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

संत महा गुनखानी ।

परिहरि सकल कामना जगकी, राम-चरन रति मानी ॥

परदुख दुखी, सुखी परसुखते, दीन-बिपति निज जानी ।

हरिमय जानि सकल जग सेवक उर अभिमान न आनी ॥

मधुर सदा हितकर, प्रिय, साँचे बचन उचारत बानी ।

बिगतकाम, मद-मोह-लोभ नहिं सुख-दुख सम कर जानी ॥

राम-नाम पियूष पान रत, मानद, परम अमानी ।

पतितनको हरिलोक पठावन जग आवत अस ज्ञानी ॥

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Last Updated : September 25, 2008

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