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सकल जग हरिको रूप निहार !...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - सकल जग हरिको रूप निहार !...

श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।

सकल जग हरिको रूप निहार !

हरि बिनु विश्व कतहुँ कोउ नाहीं, मिथ्या भ्रम संसार ॥

अलख-निरंजन, सब जग ब्यापक, सब जग को आधार ।

नहिं आधार नाहिं कोउ हरिमहुँ, केवल हरि-विस्तार ॥

अति समीप, अति दूर, अनोखे जगमहँ जगतें पार ।

पय-घृत पावक काष्ठ, बीजमहँ तरु फल पल्लव-डार ॥

तिमि हरि ब्यापक अखिल विश्वमहँ आनँद पूर्ण अपार ।

एहि बिदि एक बार निरखत ही भवबारिधि हो पार ॥

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Last Updated : September 25, 2008

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