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महाभारतसुभाषितानि
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - प्रस्तावना
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - अठरा पर्वांची नांवें
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन १ ते २०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन २१ ते ४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ४१ ते ६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ६१ ते ८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ८१ ते १००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन १०१ ते १२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन १२१ ते १४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन १४१ ते १६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन १६१ ते १८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन १८१ ते २००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन २०१ ते २२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन २२१ ते २४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन २४१ ते २६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन २६१ ते २८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन २८१ ते ३००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ३०१ ते ३२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ३२१ ते ३४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ३४१ ते ३६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ३६१ ते ३८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ३८१ ते ४००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ४०१ ते ४२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ४२१ ते ४४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ४४१ ते ४६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ४६१ ते ४८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ४८१ ते ५००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ५०१ ते ५२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ५२१ ते ५४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ५४१ ते ५६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ५६१ ते ५८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ५८१ ते ६००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ६०१ ते ६२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ६२१ ते ६४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ६४१ ते ६६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ६६१ ते ६८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ६८१ ते ७००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ७०१ ते ७२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ७२१ ते ७४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ७४१ ते ७६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ७६१ ते ७८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ७८१ ते ८००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ८०१ ते ८२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ८२१ ते ८४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ८४१ ते ८६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ८६१ ते ८८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ८८१ ते ९००
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ९०१ ते ९२०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ९२१ ते ९४०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ९४१ ते ९६०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ९६१ ते ९८०
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - वचन ९८१ ते १००८
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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सदुक्तिकर्णामृतम् - देवप्रवाहः
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १ - ५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ६ - १०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ११ - १५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १६ - २०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित २१ - २५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित २६ - ३०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ३१ - ३५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ३६ - ४०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ४१ - ४५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ४६ - ५०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ५१ - ५५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ५६ - ६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ६१ - ६५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ६६ - ७०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ७१ - ७५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ७६ - ८०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ८१ - ८५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ८६ - ९०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ९१ - ९५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ९६ - १००
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १०१ - १०५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १०६ - ११०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १११ - ११५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ११५ - १२०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १२१ - १३०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १३१ - १४०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १४१ - १५०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १५१ - १६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १६१ - १७०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १७१ - १८०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित १८१ - २००
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित २०१ - २२०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित २२१ - २४०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित २४१ -२६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित २६१ - २८०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित २८१ - ३००
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ३०१ - ३२०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ३२१ - ३४०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ३४१ - ३६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ३६१ - ३८०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ३८१ - ४००
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ४०१ - ४२०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ४२१ - ४४०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ४४१ - ४६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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देवप्रवाहः - सुभाषित ४६१ - ४७५
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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सदुक्तिकर्णामृतम् - शृङ्गारप्रवाहः
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात.Subhashita means good speech.
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