दिलका दिलभर जलदी मिलावरी ।
नहि तो लाव अफीम खिलावरी ॥ध्रु०॥
प्यारे हाय तेरा ध्यान लगारे ।
रो रो हो रह नैन अंगारे प्यारे ॥
रूठ गये क्यों दे के दगारे ।
मूंसे क्या तुस पास मंगारे प्यारे ॥
भेजु हलकारे कोन जगारे ।
बडे जगुतसे जुग जुगारे प्यारे ॥चाल॥
उठगये बहिरी बाज शिकारे ॥
क्यौरे लंबा बहुत झुकारे ।
एक वख्त बदनकु दिखारे ॥
येहे अर्ज लिकाके दिलावरा ॥१॥
नहि नींद पलंगपर बहेना ।
दिन रयन कहा लग सहेना ॥
उस बिन किस दुख कहेना ।
अबक्यारे चुपी घर रहेना ॥
हक नाहक बजाकर गहेना ।
परदेस गये छोड मइना ॥चाल॥
जीका जंगल देख बनाती । नही पानी गरम कर न्हाती ॥
यही दर्दसे जान भुजाती । थंड पानी गुलाबका पिलावरी ॥२॥
काही साजण छल बटाऊ । कर कर अर्ज किसेरी बिठाऊ ॥
सोया है क्या जाके उठाऊ । नई सवार तेजी हठाऊ ॥
लाव खंजिर सिर कटाऊ । धन दौलत अपनि लुटाऊ ॥चाल॥
पिहू खातर तन तरसाती ।
आये नगीच दिन बरसाती ॥ मुझे छोड कहा रहे साती ॥
मत लौंडि झुला ते हलावरी ॥३॥
देख देख हमारा बियारी । गुरु ग्यान खुदाने दियारी ॥
सबसाज फुलोरी कियारी । झोली मार बगलमे लियारी ॥
अबहै चलने की तयारी । घर घर धुंड निकालू मियारी ॥चाल॥
गंगु हैबती नाम जगाते । डफके उपर बिर्द लगाते ॥ महादेव गुनिजन गाते ।
जा दौड प्रभाकर बुलावरी ॥ दिलका दिलभर जलदी मिलावरी ॥४॥