संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|अष्टोत्तरशतनामस्तोत्र| श्रीवृन्दावनेश्वर्या अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं अष्टोत्तरशतनामस्तोत्र श्री हयग्रीवाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्री आञ्जनेय अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् तुलस्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं नृसिंहाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् सरस्वत्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् गौर्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्री वेङ्कटेशाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ललिताष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् सुब्रह्मण्याष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् लक्ष्म्यष्टोत्तरशतनाम्स्तोत्रम् श्रीरामाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् शिवाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीगणेशाष्टोत्तरशतनाम्स्तोत्रम् श्री सीता अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्री सुदर्शनाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रं सहस्रशीर्ष्णे वै तुभ्यं स... गणेशहेरंबगजाननेति महोदर! ... श्री देव्युवाच- देव देव म... श्रीशंकराचार्यवर्यश्च ब्र... महाशास्ता महादेवो महादेवस... रजताचलशृंगाग्रमध्यस्थायै ... वासुदेवं हृषीकेशं वामनं ज... अग्नेः अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीअङ्गारकाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् 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श्रीबालाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् १ श्रीबालात्रिपुरसुन्दर्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् २ श्रीबालाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ३ श्रीबालाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ४ श्रीबालाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ५ बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीबुधाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीभद्रकाल्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीभुवनेश्वर्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीभुवनेश्वर्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीभुवनेश्वर्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीभैरव्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् भैरव्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् मन्त्रसिद्धिप्रदमहादुर्गाशतनामस्तोत्रम् श्रीमहाकालककाराद्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् महाचक्रवर्तिनामाष्टोत्तरशतस्तोत्रम् महात्रिपुरसुन्दर्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् माणिक्यवाचकाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीमातङ्गीशतनामस्तोत्रम् मातङ्ग्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीरङ्गनाथाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीराघवेन्द्राष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीराधाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीराधिकाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् रामनामाष्टोत्तरशतरामायणम् रामानुजाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीरामाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् रामाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् श्रीरामाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् 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Tags : ashtottar shatnam stotradevidevtasanskritstotraसंस्कृतस्तोत्र श्रीवृन्दावनेश्वर्या अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं Translation - भाषांतर श्रीराधिकाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं च ।नमो वृन्दावनेश्वर्यै ।मानसं मानसं त्यागादुत्कण्ठार्तं निरुन्धतीम् ।राधां संविद्य विद्याढ्या तुङ्गविद्येदमब्रवीत् ॥१॥विमुञ्च बन्धुरे मानं निर्बन्धं शृणु मे वचः ।पुरा कन्दर्पसुन्दर्यै यान्युत्कण्ठितचेतसे ॥२॥भगवतोपदिष्टानि तव सख्योपलब्धये ।इङ्गिताभिज्ञया तानि सिन्दूरेणाद्य वृन्दया ॥३॥विलिख्य सखि दत्तानि स जीवितसुहृत्तमः ।विरहार्तस्तवेमानि जपन्नामानि शाम्यति ॥४॥राधा कृष्णवनाधीशा मुकुन्दमधुमाधवी ।गोविन्दप्रेयसीवृन्दमुख्या वृन्दावनेश्वरी ॥५॥ब्रह्माण्डमण्डलोत्तंसकीरित्ः कार्तिकदेवता ।दामोदरप्रियसखी राधिका वार्षभानवी ॥६॥भानुभक्तिभराभिज्ञा वृषभानुकुमारिका ।मुखराप्राणदौहित्री कीर्तिदाकीर्तिदायिनी ॥७॥कृष्णप्रेमाब्धिकरी वत्सलाच्युतमातृका ।सखीमण्डलजीवातुर्ललिताजीविताधिका ॥८॥विशाखाप्राणसर्वस्वं कारुण्यामृतमेदुरा ।पौर्णमासीपृथुप्रेमपात्री सुबलनन्दिता ॥९॥कृष्णाधिराजमहिषी वृन्दारण्यविहारिणी ।विशाखासख्यविख्याता ललिताप्रेमलालिता ॥१०॥सदा किशोरिका गोष्ठयुवराजविलासिनी ।गोविन्दप्रेमशिक्षार्थनटीकृतनिजांशका ॥११॥प्रबोधिनीनिशानृत्यमाहात्म्यभरदर्शिनी ।चन्द्रकान्तिचरी सर्वगन्धर्वकुलपावनी ॥१२॥स्वजन्मभूषितोत्तुङ्गवृषभानुकुलस्थितिः ।लास्यविद्याव्रतस्नाता रासक्रीडादिकारणम् ॥१३॥रासोत्सवयपुरगण्या कृष्णनीतरहःस्थला ।गोविन्दबन्धकवरी कृष्णोत्तंसितकुन्तला ॥१४॥व्यक्तगोष्ठारविन्दाक्षि वृन्दोत्कर्षातिहर्षिणी ।अन्नतर्पितदुर्वासा गान्धर्वा श्रुतिविश्रुता ॥१५॥गान्धर्विका स्वगान्धर्वविस्मापितबलाच्युता ।शङ्खचूडारिदयिता गोपीचूडाग्रमालिका ॥१६॥चारुगोरोचनागौरी गारुत्मतनिभाम्बरा ।विचित्रपट्टचमरीचारुवेणीशिखारुचिः ॥१७॥पद्मेन्दुजैत्रवक्त्रश्रीनिरुद्धमुरमर्दना ।चकोरिकाचमत्कारीहरिहारिविलोचना ॥१८॥कालियदमनोत्कम्पिभङ्गुरभ्रूभुजङ्गमा ।नासिकाशिखरालम्बिलवलीस्थलमौक्तिका ॥१९॥बन्धुराधरबन्धूकविकृष्टमधुसूदना ।दन्तनिर्धूतशिखरा शिखरीन्द्रधरप्रिया ॥२०॥कपोलमण्डलान्दोलिमणिकुण्डलमण्डिता ।पीतांशुकशुकाकर्षिनिस्तलस्तनदाडिमा ॥२१॥मणिकिङ्किण्यलङ्कारझङ्कारिश्रोणिमण्डला ।स्थलारविन्दविञ्छोलीनिर्मञ्छितपदद्युतिः ॥२२॥अरिष्टवधनर्मार्थनिर्मापितसरोवरा ।गन्धोन्मादितगोविन्दो माधवद्वन्द्वताङ्किता ॥२३॥कालिन्दीकूलकुञ्जश्रीर्भाण्डीरतटमण्डना ।धृतनन्दीश्वरस्थेमा गोवर्धनदरीप्रिया ॥२४॥वंशीबडिशिकाबिद्धरसोत्तर्षमनोझषा ।वंशिकाध्वनिविश्रंसिनीवीबन्धग्रहातुरा ॥२५॥मुकुन्दनेत्रशफरी विहारामृतदीर्घिका ।निजकुण्डकुडुङ्गान्तस्तुङ्गानङ्गरसोन्मदा ॥२६॥कृष्णभ्रूचण्डकोदण्डोड्डीनधैर्यविहङ्गमा ।अनुरागसुधासिन्धुहिन्दोलान्दोलिताच्युता ॥२७॥व्रजेन्द्रनन्दनास्येन्दुतुङ्गितानङ्गसागरा ।अनङ्गसङ्गरोत्तृष्णकृष्णलुञ्चितकञ्चुका ॥२८॥लीलापद्महतोद्दामनर्मलम्पटकेशवा ।हरिवक्षोहरिग्रावहरितालीयरेखिका ॥२९॥माधवोत्सङ्गपर्यङ्का कृष्णबाहूपधानिका ।रतिकेलिविशेषोहसखीस्मितविलज्जिता ॥३०॥आलीपुरोरहःकेलिजल्पोत्कहरिवन्दिनी ।वैजयन्ती कलाभिज्ञा वनस्रक्शिल्पकल्पिनी ॥३१॥धातुचित्रातिवैचित्रीविसृष्टिपरमेष्ठिनी ।विअदग्धीप्रथमाचार्या चारुचातुर्यचित्रिता ॥३२॥असाधारणसौभाग्यभाग्यामृततरङ्गिनी ।मौग्ध्यप्रगल्भतारम्या धीराधीराङ्कभूषिता ॥३३॥श्यामलप्रच्छदपटी मूकनूपुरधारिणी ।निकुञ्जधामसंस्कारमाधवाध्वेक्षणक्रिया ॥३४॥प्रादुर्भूतघनोत्कण्ठा विप्रलम्भविषण्णधीः ।प्रातरुत्प्रासितोपेन्द्रा चन्द्रावलिकटाक्षिणी ॥३५॥अनाकर्णितकंसारिकाकूवादा मनस्विनी ।चाटुकारहरित्यागजातानुशयकातरा ॥३६॥धृतकृष्णेक्षणोत्सुक्या ललिताभीतिमानिनी ।विप्रयोगव्यथाहारिहरिसन्देशनन्दिता ॥३७॥मदाल्पजल्पिताधीनपुण्डरीकाक्षमण्डिता ।भ्रूलीलामोहितोपेन्द्रहस्ताग्रहृतवंशिका ॥३८॥अतुलाच्युतमाधुर्यस्वादनाद्वैतभाग्यभूः ।नियुद्धश्रान्तिनिद्राण हरिहारापहारिणी ॥३९॥द्यूतनिर्जितवंशार्थिकंसारिपरिहासिनी ।निजप्राणार्बुदप्रेष्ठकृष्णपादनखाञ्चला ॥४०॥ इति राधा सखीवाचमाचम्य पुलकाञ्चिता ।छद्मना पद्मनाभस्य लतासद्मान्तिकं गता ॥४१॥यः सेवते जनो राधानाम्नामष्टोत्तरं शतम् ।नाम्ना प्रेमसुधासत्रं लिह्यात् प्रेमसुधामसौ ॥४२॥इति श्रीरूपगोस्वामिविरचितस्तवमालायां प्रेमेन्दुसुधासत्रनामक-श्रीराधिकाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं समाप्तम् । N/A References : N/A Last Updated : December 25, 2025 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. 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