महाशास्तृ दशकं - पाण्ड्यभूपतीन्द्र पूर्व प...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते.
In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
पाण्ड्यभूपतीन्द्र पूर्व पुण्यमोहनाकृते
पण्डितार्चिताङ्घ्रि पुण्डरीक पावनाकृते
पूर्णचन्द्रतुण्ड वेत्रदण्डवीर्यवारिधे
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥१॥
आदिशङ्कराच्युत प्रियात्मसंभवप्रभो
आदिभूतनाथ साधु भक्तचिन्तितप्रद
भूतिभूष वेदघोष पारितोष शास्वत
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥२॥
पञ्चबाणकोटि कोमळाकृते कृपानिधे
पञ्चगव्यपायसान्न पानकादिमोदित
पञ्चभूत सञ्चयप्रपञ्चभूतपालक
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥३॥
चन्द्रसूर्य वीतिहोत्र नेत्र वक्त्रमोहन
सान्द्रसुन्दर स्मितार्द्र केसरिन्द्रवाहन
इन्द्रवन्दनीयपाद साधुवृन्दजीवन
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥४॥
अत्युदारभक्त चित्तरङ्ग नर्तन प्रभो
नित्यशुद्ध निर्मलाद्वितीयधर्मपालक
सत्यरूप मुक्तिरूप सर्वदेवतात्मक
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥५॥
वीरबाहु वर्णनीय वीर्यशौर्यवारिधे
वारिजासनादि देववन्द्य सुन्दराकृते
वारणेन्द्र वाजिसिम्हवाह भक्तशेवधे
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥६॥
सामगानलोल शान्तशील धर्म पालक
सोमसुन्दरास्य साधुपूजनीय पादुक
सामदानभेददण्ड शास्त्रनीति बोधक
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥७॥
सुप्रसन्न देवदेव सत्गति प्रदायक
चित्प्रकाशधर्मपाल सर्वभूतनायक
सुप्रसिद्ध पञ्चशैल सन्निकेतन नर्तक
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥८॥
शूलचापबाणखड्गवज्रशक्तिशोभित
बालसूर्यकोटि भासुराङ्ग भूतसेवित
कालचक्र संप्रवृत्त कल्पनासमन्वित
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥९॥
अद्भुतात्म बोधसत्सनातनोपादशक
बुद्बुदोपम प्रपञ्च विभ्रम प्रकाशक
सप्रथ प्रगत्भचित् प्रकाशदिव्यदेशिक
पूर्णपुष्कलासमेत भूतनाथ पाहि मां ॥१०॥
इति श्री महा शास्तृ दशकं संपूर्णं ॥
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Last Updated : July 11, 2016
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