चली गेंद धरन मखमोल कमलका फुल हात पिंजरा मैनाका लिया ॥
खुप बनी महेंबुप विचतर नयनोंने गजब किया ॥ध्रु०॥
सब जर्द किया पोषाखक बडी बडी आख नाकमे नखनी जुहु
राखीसे गले मोतीलन की माल लटक रही त्रिवन हाल पर चले ॥
सुनेके कंगन हात आसल गुजराथ चला एक जाथ चौक मे डूले ॥
मारे नयन तडाखे आषक देख जमीनपर भुले ॥चाल॥
लेचलीपन घटपर बिजली पिंजरा आलख किनारेपर धरे ॥
छन छनन बाजे पैंजन पग मे लखा खबूतर झुरे ॥
चला जलभरनेकू नादर पठीया कुदकाद जलभरे ॥
किन्ने शहरका दिलदार मुशाफर यर प्यास लगी पाणी पीने आया ॥१॥
जलभरके प्यारी उठे महीताप लुटी कहे मोहना लेऊ सीरदर घडा ॥
नयनसे नयन मिला के मिछे देख मुशाफर खडा ॥
चाप क्यौं रोती गुणपरी ईषककी सुरी केक तेरे सवाल का तीर जडा ॥
सलाम लेव छबिले गबरू ठयेरके च्याबुक भीडा ॥चाल॥
किन्नेक बक्षीके पुत तुमारी ज्वानी सलाम रहो ॥
कसमरि मे नखरा उदेषुर बस्ती महाल कहो ॥
यवकहे सखी मुख सौ बात लाल तुम एक दीन मंदिर रहो ॥
मोहना की मिटी जुबान तनमकी जान सुन पंचीका जीतर भया ॥२॥
मय कहू तू सकुन पछा नरही देमे छान देखने नीकला दखन वतन ॥
हुशारहो के खडे रहो प्यार सुन केल गुल रतन ॥
तुम ज्याव कहोजी प्रभुराज गुलछना बाज निमोना शहर हमारा वतन ॥
महेल खडे है सब कंचनके आब लग किये जतन ॥चाल॥
सब छोड दिया सनसार इषके खातर क्या कहूं बयान ॥
मथुरा विंदरावन घाट व्हायके तेरे हुशेनके शरान ॥
उजन एक बर्हाणपुर शहर पुछेमे था एक मकान ॥
क्या कहुं कुच कत्या न जाय ॥
बदनार हा ये सुवे कलीना कबा वह था ॥३॥
चतुरसे चतुर मिला चांदसे खुला ॥
एक पर एक हो गये कीदा ॥
चला महेलमें पितम प्यारे मोहोबत का जुग बाधा ॥
मतवाल कुच दिलमे खोप बदनमे खीलाप तुमारेसे नाही जान जुदा ॥
इष्क करूंगी पोचा बंदे खाजे न वाजे खुदा ॥चाल॥
लेगये मंदीरमो रफी खवारी सेज फुलो के घटा ॥
प्यार पोर गुजर गये रयन चथनसे आषकने रंग लुटा ॥
बासा राज्ञुके ख्याल चमकते झुकते गाते मिठा ॥
भाऊ सगन गावते ख्याल बजे चौताल मिजालस रामाने खुष किया ॥४॥