मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ९२ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ९२ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ९२ Translation - भाषांतर हूश.१६२१ आषाढ शु.३इ.१६९९ जून २०.॥ र्द म॥ अनाम माहादजी देसाई व अदिकारी म॥ चेऊल यासी सिदी सुरुर मो राजपुरी सु॥ मिया अलफ सन ४३ मालुम बाशद आ खे आमचे चहू गावावर देवाणजी याही रोखे केले आहेत की खासा सरकारी ठेविले म्हणू [नि] गावावर रोखे पाठविले म्हणून मालुम जाले तर गाव उजाड होते आणि फिरगाण तर्फेस रयेतीची जागाजागा तलास करोन रयेती जुजबी आणून वसाहत केली ते रयेतीस आणिता टकापैका मबलग खर्च केला व हालीही रयेतीची नातवानी देखोन कर्जवाम मबलग दिल्हे आहे सरकारी गाव ठेविले असेती म्हणून ताकीद रोख गेला असे त्या सबबे देहाये मजकुरीची रयेती डावाडौल जाली अस सबब की आमचे कर्जवाम आहे ते बेहंगामी वसूल मागती याकरिता बेदिल आहे ऐसियास रयेतीस दिलासा देउनु लिहिले असे अमा देवाणजियाचा कौल असलियावर रयेतीस खातीर जमा होत नसे तर म॥ अनाम तान्हाजी केसव कारकून व विठल पोताजी हे पाठविले आहेत तर देवाण्जियासी अर्ज करुन कौल घेऊन देणे मालुम होणे र॥ छ २ माहे मोहरम [लं.फा.मो.] N/A References : N/A Last Updated : February 27, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP