मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ८० शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ८० छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ८० Translation - भाषांतर [वा.फा.शि.]श.१६१३ मार्गशिर्ष शु.१०इ.१६९१ नोव्हेंबर २०ई कौलनामा [व] जारतीपन्हा दिवाण व अमीन व फउजदार सरकार तलकोकण ताहा दामाजी आपाजी देसाई व देसपाडिये मामले मुर्तजाबाद उरुफ चेउल सन ३५ सु॥ इसने तिसैन व अलफ तुझे बाबे येकबालपन्हा सिदी अजम सिदी अबदुल रहिमान किलेदार किले उदेरी येही लिहिले की देसपाडिया सक धरुन राहिला आहे त्यासि तकवेत कौउल सादर केला पाहिजे म्हणून लिहिले तर तुवा बेसक होऊन येणे आपला कारभार करीत जाणे तुझा हकलाजिमा असेल कदीम तो तू हुजूर रुजु जालेयावर तुज घेवयांचा हुकूम देऊन कोण्हे बाबे सक अधेसा न धरणे दरी बाब कौलु असे छ ९ रबिलौवल N/A References : N/A Last Updated : February 27, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP