मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ६० शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ६० छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ६० Translation - भाषांतर श्रीश.१६०५ माघ व.१४इ.१६८४ फेब्रु.५स्वस्ति श्री राज्याभिषेक शक १० रुधिरोद्रारी नाम सवत्सरें माघ बहुल चतुर्दसी भोमवासरें राजश्री चिमणाजी आउजी यांसि राजाज्ञा ऐसीजे कुदे बपोली हे दोन्हीं गाव व तिसरे मौजे सिडकोली म॥ चेऊल तीन्हीं गाव गनीम हबसी व फिरंगी यानी मारुन नेलें तेसमई रयेतीचा गळा कुळ लुटून नेळा याकरिता रयेती दिलगीर होऊन परागंदा होऊ पाहातें तरी रयेतीस कांही मज [फाटलें आहे.] [म्हणोन] चेऊलच्या हवालदारे हुजूर लि॥ झेतें त्यावरुन तुम्हांस लिहिळे असे तरी तुम्हीं चौकसीं करुन मनास आणणें आणि हुजूर लिहिणे तुम्ही ल्याहाल तेणेप्रमाणें त्याची विल्हें होईळ व दादाजी कुलकर्णी याचे सेतीचा गळा मौजे कारळें येथें होता तो दिवाणांत साराच राजभाग प्रजभाग कुल घेऊन खर्च केला म्हणोन दादाजीने सांगितलें तरी जो गला आणिला होईल तितका दादाजीस परतोन देणे छ २८ सफर [‘मर्या । देयं वि । राजते’ असा चौ.मो.\[पत्रामागें] सुरु सुद N/A References : N/A Last Updated : February 25, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP