मराठी मुख्य सूची|ऐतिहासिक साहित्य|शिवचरित्रसाहित्य| लेख ५४ शिवचरित्रसाहित्य लेख १ लेख २ लेख ३ लेख ४ लेख ५ लेख ६ लेख ७ लेख ८ लेख ९ लेख १० लेख ११ लेख १२ लेख १३ लेख १४ लेख १५ लेख १६ लेख १७ लेख १८ लेख १९ लेख २० लेख २१ लेख २२ लेख २३ लेख २४ लेख २५ लेख २६ लेख २७ लेख २८ लेख २९ लेख ३० लेख ३१ लेख ३२ लेख ३३ लेख ३४ लेख ३५ लेख ३६ लेख ३७ लेख ३८ लेख ३९ लेख ४० लेख ४१ लेख ४२ लेख ४३ लेख ४५ लेख ४६ लेख ४७ लेख ४८ लेख ४९ लेख ५० लेख ५१ लेख ५२ लेख ५३ लेख ५४ लेख ५५ लेख ५६ लेख ५७ लेख ५८ लेख ५९ लेख ६० लेख ६१ लेख ६२ लेख ६३ लेख ६४ लेख ६५ लेख ६६ लेख ६७ लेख ६८ लेख ६९ लेख ७० लेख ७१ लेख ७२ लेख ७३ लेख ७४ लेख ७५ लेख ७६ लेख ७७ लेख ७८ लेख ७९ लेख ७९ लेख ८० लेख ८१ लेख ८२ लेख ८३ लेख ८४ लेख ८५ लेख ८६ लेख ८७ लेख ८८ लेख ८९ लेख ९० लेख ९१ लेख ९२ लेख ९३ लेख ९४ लेख ९५ लेख ९६ लेख ९७ लेख ९८ लेख ९९ लेख १०० शिवचरित्र - लेख ५४ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक आणि मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. Tags : historicalmarathishivajiऐतिहासीकमराठीशिवाजीसाहित्य शिवचरित्र - लेख ५४ Translation - भाषांतर श्री [डाव्या अंगास ‘श्री चिंतामणी चरण शरण’ असा शिक्का]श.१५९८ भाद्रपद शु.४इ.१६७६ सप्टें. १श्री सकलगुणगणमंडित सौजन्यसिधु सिरोमणि अखंडित लक्ष्मी अलंकृत राजमान्य राजेश्री बहिरो त्रिमल सुबेदार व कारकून हाल व इस्तकबाल मामले चेऊल प्रती पोश्य मोरेश्वर पडितराउ नमस्कार सु॥ सन सबा सबैन अलफ बदल धर्मादाऊ ब्राह्मणानि सो कसबा चेऊल यासी वणी गाई पोट फोडिया १६खड जोइसी बिन माहाद जोइसी वणी गाई - ४बहिरभंट बिन गणेश भट उपा[धे] ४विठाल भट विन गणेश भट उपा[धे]४गोपालभट बिन आऊ भट गाई-४येकूण वणी गाई पोटकोडिया सोला सोडिलिया आहेती तरी तुम्ही हर येकासी येकापासूण च्यारी पावेती वणी घेत नव जणे दर हरसाला ताजा खुर्दखताचा उजूर न करणे तालिक लेहोन घेऊन असल फिराऊन देणे छ २ आहे रजबु [नि.बाळबोध] हे विज्ञप्ति [‘सुभ ।भवत’ असा ष.मो.][पत्रामागे] बार सूद N/A References : N/A Last Updated : February 25, 2019 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP