Dictionaries | References

अंबा

   
Script: Devanagari

अंबा

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi |   | 
 noun  काशी नरेश इन्द्रद्युम्न की बड़ी पुत्री   Ex. अंबा धृतराष्ट्र की माता थी ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
   see : पार्वती, माँ, माताजी, पाढ़ा, अम्ल, ससुरखदेरी, अंबा नदी

अंबा

अंबा n.  काशीराज की तीन कन्याओं में से ज्येष्ठअपनी कन्याएं उपवर होने के कारण, काशीराज ने उनके स्वयंवर का निश्चय किया । तदनुसार देशदेशांतर के राजाओं को स्वयंवरार्थ निमंत्रण भेजे । इस स्वयंवर में कोई भी शर्त नहीं रखी गयी थी । काशीराज ने निश्चय किया था कि, जो सब से अधिक बलवान हो वह इनका हरण करेचित्रांगद के निधनोपरांत, भीष्म अपनी सौतली मां की संमति से, विचित्रवीर्य के नाम पर हस्तिनापुर का राज्य चला रहा थाविचित्रवीर्य का विवाह नहीं हुआ थास्वयंवर का समाचार मिलते ही, विचित्रवीर्य के लिये उन कन्याओं का हरण करने के लिये, भीष्म स्वयंवर को गया तथा वहां के समस्त राजाओं को हरा कर, तीनों कन्याओं को हरण कर ले आया [म.आ.९६]भीष्म ने हस्तिनापुर आकर, उन तीनों का विचित्रवीर्य से विवाह करने का निश्चित किया । इस बात का पता लगते ही, अंबा ने भीष्म से कहा कि, वह पहले से ही शाल्व से प्रेम करती है, इस लिये उसका विवाह विचित्रवीर्य से करना योग्य नहीं होगा । यह सुन कर भीष्म ने अंबा को दलबल सहित सम्मान के साथ शाल्व के पास भिजवा दियाशाल्व ने उसका अंगिकार नहीं किया । भीष्म ने सबके सामने उसे हराया था, इस लिये अंबा के साथ विवाह करना शाल्व को योग्य नहीं लगा । अंबा फिरसे भीष्म के पास आयी और उससे कहा कि, आपने मुझे जीत कर लाया है, इस लिये शाल्व मुझे स्वीकार नहीं कर रहा है, अतएव आप ही मेरा वरण करें, यही योग्य होगापरंतु भीष्म ने आजीवन ब्रहचर्य व्रत का पालन करने का प्रण किया था, इस लिये उन्हे अंबा की इच्छा अस्वीकृत करनी पडी । चारो ओर निराधार होने के कारण, अंबा अत्यंत दुःखित हुई । अपनी इस दुर्दशा का कारण भीष्म है, इस लिये किसी प्रकार से भीष्म से प्रतिशोध लिया जाय, इस पर यह विचार करने लगी, तथा तप करने के लिये हिमालय की ओर चल पडी । हिमालय की ओर जाते समय, इसे राह में शैखावत्य ऋषि का आश्रम मिलाऋषि को इसने अपना निश्चय बतायातब उन्होंने इसे इसके निश्चय से परावृत्त करने का प्रयत्न किया । परंतु वह निष्फल हुआ और अंबा वहीं तप करने लगीकुछ समय बाद होत्रवाहन नामक एक राजर्षि उस आश्रम में आयेवे अंबा के मातामह थे । अंबा की यह स्थिति देख वे अत्यंत दुखित हुए । अपनी नतिनी का दुःख दूर होने के लिये, उन्होने भीष्म के गुरु परशुराम के द्वारा भीष्म का परिपत्य कर, उसे अंबा को स्वीकार करने के लिये बाध्य करने का निश्चय किया । तदनुसार अपनी नतिनी को लेकर, वे परशुराम के पास जाने ही वाले थे कि, परशुराम का शिष्य अकृतव्रण वहॉं आ पहुंचा तथा उसने बताया कि, परशुराम इसी आश्रम की ओर आ रहे है । इस लिये होत्रवाहन परशुराम से मिलने के लिये वहीं रुक गये [म.उ.१७३-१७६]कुछ दिनों बाद, परशुराम उस आश्रम में आ पहुंचे । अंबा का वृत्तांत जान कर उसे दुःखमुक्त करने का उन्होने वचन दिया तथा भीष्म के पास संदेश भिजवाया कि, अंबा का स्वीकार करो अथवा युद्ध करने कि लिये तयार हो जाओ । भीष्म ने आजन्म ब्रह्मचर्य का अपना निश्चय परशुराम के पास भिजवाया तथा स्वयं युद्ध के लिये तैयार हो गये । आगे चलकर कुरुक्षेत्र में दोनों का भीषण युद्ध हुआ, जिस में कोई भी पराजित न हुआ तथा युद्ध रोक दिया गया । अंबा को यहा भी निराशा ही मिली परंतु भीष्म से बदला लेने का निश्चय इसने बिलकुल नहीं छोडा । भीष्म का वध करने के लिये शंकर की उपासना (कठोर तपस्या) प्रारंभ कीगंगा को इसका निश्चय मालूम होते ही, उसने अंबा को तप से परावृत्त करने का बहुत प्रयत्न किया । परंतु अंबा ने गंगा की एकसुनीतब गंगा ने उसे श्राप दिया कि, ‘तू अर्धाग से बरसाती नदी होगी)’ । अंबा फिर भी अपने निश्चय पर अटल रही [म.उ.१८७]कुछ कालोपरांत, महादेवजी उसकी तपश्चयी से संतुष्ट हो, वरदान देने को तयार हुए । अंबा ने भीष्म को मार डालने की अपनी इच्छा बतायी । तब महादेवजी ने वरदान दिया कि, इस जन्म में यह संभव नहीं है परंतु अगले जन्म में द्रुपद के घर पहले कन्या रुप में जन्म लेने के पश्चात् तुझे पुरुषत्त्व प्राप्त होगातू शिखंडी नाम से प्रसिद्ध होकर भीष्म का वध करेगी । इतना वरदान दे कर, शंकरजी अंतर्धान हो गये । अपना मनोरथ पूर्ण हुआ देख, अंबा ने अग्नि में प्रवेश कर, देहयाग क्रिया [म.उ.१८८] महाभारत के कुम्भकोणम्‍ प्रति में, उपरोक्त कथा दूसरे प्रकार दी गयी है, जो इस प्रकार है अंबा की उत्कृष्ट तपश्चर्या देख कर कार्तिकस्वामी ने प्रसन्न हो कर उसे एक प्रासादिक तथा दिव्य माला दे कर बताया कि, जो इस माला को धारण करेगा वह निःसंशय भीष्म का वध करेगी । अंबा ने वह माला लीवह देशदेशांतर में यह पूछते हुए विचरन करने लगीकोई क्षत्रिय, इस माला को धारण कर, भीष्म को मारने में समर्थ है?’ परंतु भीष्म का वध करने की इच्छा रखनेवाला एक भी क्षत्रिय उसे नहीं मिलाअंत में पांचालराज द्रुपद के अस्वीकार करने पर भी, अंबा राजमहल के दरवाजे पर माला फेंक कर चली गयीतब द्रुपदने वह माला उठाकर अपने प्रासाद में रख लीआगे चल कर शिखंडी ने उसी माला के योग से भीष्म का वध किया [म.आ.परि १.५५]

अंबा

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani |   | 
 noun  काशीचो इंद्रद्युम्न राजाची व्हडली धूव   Ex. अंबा धृतराष्ट्राची आवय आशिल्ली
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
   see : पार्वती

अंबा

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English |   | 
   The mango tree and fruit, Mangifera Indica.
   A mother. 2 A name of Durgá.

अंबा

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English |   | 
  m  The mangotree and fruit.
  f  A mother. name of दुर्गा.

अंबा

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi |   | 
 noun  काशीचे राजा इन्द्रद्युम्नची मोठी मुलगी   Ex. अंबा धृतराष्ट्राची आई होती.
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
 noun  यमुना नदीची एक शाखा   Ex. अंबा के किनारी दूरशेत नावाचे गाव वसलेले आहे जे दोन पवित्र अष्टविनायक मंदिर पाली आणि महाडच्या मध्यावर स्थित आहे.
ONTOLOGY:
प्राकृतिक वस्तु (Natural Object)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
   see : पार्वती, अंबा नदी

अंबा

  स्त्री. आई . ' म्हणोनि अंबे श्रीमंते । ' ' ज्ञा १२ . १० . २ राजपत्‍नी ; साध्वी इ० स आदरार्थी संबोधन . ३ दुर्गा ; भवानी ; पार्वती ( देवी ). अंबाबाई पहा . ' साह्मा नव्हेचि गे अंबा । विन्मुख जाहली जगदंबा । ' - एरुस्व ५ . ७३ . ( सं अंबा ; द्रा . अम्मा ; जर्मन अम्मा - मो )
  पु. एक झाड व त्याचे मधुर फळ ; आंबा ; आम्र ; यांचें कोबळें फल अंबटत्रिदोष , रक्तदोषकारक आहे . पिकलेले फळ गोड , शक्तिवर्धक , जड , वातनाशक आहे याचा रस सारक , स्निग्ध , बलकारक आहे . याची कोय तुरट ओकारीअति सारनाशक आहे . याचा मोहोर अतिसार , प्रमेह व रक्तदोष नाशक आहे . याचें पानकफ व पित्तनाशक आहे . अंब्याला रंगावरून , स्थळावरून , व्यक्तिवरून व रुचीवरून निरनिराळी नांवें असतात . जसें ; शेंदरी , शिवापुरी , हपुस , शोपा इ० . आंब्याचें झाड हिंदुस्थानांत होतें . रानांत , डोंगरांत उगवणार्‍या अंब्याला रायवळ , बागेंत लावलेयास इरसालकमल केलेल्यास कलमी अंबा म्हणतात . याच्या कापा ( कापूर खाण्याचा ) व रसाळ ( रस काढण्याचा ) अशा दोन जाती आहेत . हें झाड पुष्कळ वर्षे टिकतें . कच्च्या आंब्याचें लोणचें व पाडाच्या आंब्याचा मुरंबा , गुळंबा करतात . ' पिवळा आणि सुंगध । अमृता ऐसा असे स्वादपरी अंबा तव प्रसिद्ध । एकलाचि । ' - विउ १० . १९ . ( सं . आम्र ; प्रा . अंब ) - व्याचा - काप - तळका - पु . अंब्याचा एका , बाजुचा काप , फोड . - चा टाहाळा - डाहळा - ढाळा - पु . १ आंब्याची लहानशी फांदी . हा शुभअशुभ दोन्ही प्रसंगी असती यावरुन . २ ( ल .) शुभ - अशुभ प्रसंगी किंवा सुखदुःखाच्या प्रसंगी दुसर्‍याच्या घरीं सारखेपणानें वागणारा माणुस ; लग्न वगैरे समारंभांत दोहोंपक्षांकडील माणुस . - चा शेंकडा - ६ अंब्याच्या १ पाडा . ५३ पाड्यांचा ( ३१०आंबे ) १ शेंकडा संबंध शेंकडा घेतला तर ३२० अंबे मिळतात . निर निराळ्या ठिकाणी अंब्याचाशेंकडा निराळा आहे . कांही ठिकाणीं २२ पाड्यांचा शेंकडा असतो .
०उतरणें    १ आंबे झाडावरुन खाली न पाडतां काढणें . ' आज आमच्या झाडाचें आंबे उतरावयाचे आहेत .' २ फार पिकणें . ' आंबा उतरला आहे ; कशाला खातोस ?'
०शिपणें   वरात घरी जाण्याच्या पुर्वी गौरीहारांतील देवी घेण्याकरितां वर जातो तेथें गौरीहाराच्या जागीं भिंतीवर अंब्याचें झाड काढलेलें असतें , तेथें आंबा शिंपतांना वधु आपला डावा पाय वराच्या उजव्या मांडीवर आणि डाव्या हात त्याच्या पागोट्यावर ठेवून त्याजपाशीं उभी राहून उजव्या हातानें नागवेलीच्या किंवा आंब्याच्या पानानें आंबा शिंपते त्यावेळी बायका आंबा शिपण्याबद्दलचें गाणेम म्हणतात . ' आंबा शिंपावया गोरटीकडे घेऊनि कृष्ण उठी । आहती केलीसे गोमटी । कुंकुमें वाटी परिपूर्ण । ' - एरुस्व १५ . १४२ .
०बांधणें   झाडासफळ लागणें . अंबेवार - बहार - फाल्गुन महिन्यांत म्हणजे आंब्याला मोहोर येण्याच्या दिवसांत जें तिसरें फळांचें पीक येतें तें , म्हणजे तिसरा बार ( मृगबार , हत्तीबार असे आणखी दोन बार आहेत ). - शे २ . १२ . - ब्याचा मोहोर - पु . ( एक पक्कन्न ) दुधांत भिजविलेला रव्याचें गवले करून मध्यें चिमटून थोडे वळले म्हणजे होनारें त्रिदळ . - चें पन्हें - न . अंबवणी पहा . - चें साठ - न . कल्हईच्या ताटाला तूफ लावून त्यांत अंबरस ओततात व तो सुकवुन त्यावर दुसर्‍या अंबरसाचा थर ओततात व पुन्हां सुकं देतात . गोडीसाठीं यांत साखर घालतात . सुकल्यावर तो पोळीप्रमाणें होतो . अशा प्रकारें जी पोळी करतात तें . - चा भात - पु . केशरी भाताप्रमाणें भात शिजत आला म्हणजे त्यांत हपूसचें आंबे चिरून त्याच्या फोडी घालून केलेला भात .
०गदरलेला   गदा गजरा - पु . पाडाचा अंबा . ' अतिरति एक दोरींत ओविलें फळझाडें आंबागद्रा । ' - पला ६६ .

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP