मराठी मुख्य सूची|मराठी साहित्य|पोथी आणि पुराण|श्रीचित्रापुरगुरुपरंपराचरित्र| शरणाष्टकम् श्रीचित्रापुरगुरुपरंपराचरित्र ग्रंथानुक्रम विषयानुक्रमणिका कृताञ्जलिः प्रस्तावना सारस्वतांचें मूळ श्रीगुरुपरम्परा अध्याय ॥१॥ अध्याय ॥२॥ अध्याय ॥३॥ अध्याय ॥४॥ अध्याय ॥५॥ अध्याय ॥६॥ अध्याय ॥७॥ अध्याय ॥८॥ अध्याय ॥९॥ अध्याय ॥१०॥ अध्याय ॥११॥ अध्याय ॥१२॥ अध्याय ॥१३॥ अध्याय ॥१४॥ अध्याय ॥१५॥ अध्याय ॥१६॥ अध्याय ॥१७॥ अध्याय ॥१८॥ अध्याय ॥१९॥ अध्याय ॥२०॥ अध्याय ॥२१॥ अध्याय ॥२२॥ अध्याय ॥२३॥ अध्याय ॥२४॥ अध्याय ॥२५॥ अध्याय ॥२६॥ अध्याय ॥२७॥ अध्याय ॥२८॥ अध्याय ॥२९॥ अध्याय ॥३०॥ अध्याय ॥३१॥ अध्याय ॥३२॥ अध्याय ॥३३॥ अध्याय ॥३४॥ अध्याय ॥३५॥ अध्याय ॥३६॥ अध्याय ॥३७॥ अध्याय ॥३८॥ अध्याय ॥३९॥ अध्याय ॥४०॥ अध्याय ॥४१॥ अध्याय ॥४२॥ अध्याय ॥४३॥ अध्याय ॥४४॥ अध्याय ॥४५॥ अध्याय ॥४६॥ अध्याय ॥४७॥ अध्याय ॥४८॥ अध्याय ॥४९॥ अध्याय ॥५०॥ अध्याय ॥५१॥ अध्याय ॥५२॥ अध्याय ॥५३॥ अध्याय ॥५४॥ अध्याय ॥५५॥ अध्याय ॥५६॥ अध्याय ॥५७॥ अध्याय ॥५८॥ अध्याय ॥५९॥ अध्याय ॥६०॥ अध्याय ॥६१॥ अध्याय ॥६२॥ अध्याय ॥६३॥ आरती श्री सद्गुरुंची मंगल पद चित्रारपुरगुरुपरम्परावन्दनम् श्रीशंकरनारायणगीतम् शरणाष्टकम् आरती श्रीगुरुपरंपरेची श्रीमत् पांडुरंगाश्रम स्वामींजी आरती सद्गुरुंची आरती चित्रापुरगुरुपरंपरा - शरणाष्टकम् सुबोधाचा भाग तर अमोल आहे. तशीच प्रश्नोत्तरी ही ह्या गुरुचरित्राचें अपूर्व वैशिष्ट्य होय. Tags : chitrapurpothiचित्रापुरगुरुपरंपरापोथी शरणाष्टकम् Translation - भाषांतर ॥ ॐ तत्सत् श्रीसद्गुरवे नम: ॥आदीनाथा तव शरणम् । शिव हरि सद्गुरु तव शरणम् ॥ चतुरानना जगज्जीवना । विष्णूतनया तव शरणम् ॥१॥वसिष्ठ सुरॠषि तव शरणम् । शक्तिश्रेष्ठा, तव शरणम् ॥ पराशरा प्रभु दीनोद्धारा । दीनदयाळा तव शरणम् ॥२॥कृष्णव्यासा तव शरणम् । शुकमुनिराया तव शरणम् ॥ गौडपाद आचार्य सद्गुरो । योगीराया तव शरणम् ॥३॥श्रीगोविंदा तव शरणम् । आद्याचार्या तव शरणम् ॥ श्रीमत् शंकर कलिकल्मषहर । धर्मरक्षका तव शरणम् ॥४॥पद्मपादा तव शरणम् । हस्तामलका तव शरणम् ॥ तोटक गुरुवर सुरेश्र्वरगुरो । शंकरशिष्यांबुज शरणम् ॥५॥प्रकाशरूपा तव शरणम् । चिन्मयरूपा तव शरणम् ॥ अच्युत आश्रम आश्रमदायक । द्वारावतिविभु तव शरणम् ॥६॥आनंदाश्रम तव शरणम् । योगिवरा प्रभु तव शरणम् ॥ सच्चित्सुखमय ज्ञानदायका । सद्गुरुराया तव शरणम् ॥७॥कैवल्याश्रम तव शरणम् । वाराणसिविभु तव शरणम् ॥ द्वयपीठस्थाधिष्ठित यतिवर । ज्ञानप्रदीपा तव शरणम् ॥८॥नृसिंहआश्रम तव शरणम् । केशवआश्रम तव शरणम् ॥ निजपददायक स्वामिवरा विभु । विश्र्वनाथा तव शरणम् ॥९॥वामनआश्रम तव शरणम् । कृष्णाश्रमगगुरु तव शरणम् । पांडुरंगआश्रम सद्गुरुवर । काशिनिवासा तव शरणम् ॥१०॥परिज्ञानाश्रम तव शरणम् । सारस्वतगुरु तव शरणम् ॥ भवानिशंकर साक्षात् ईश्र्वर । परंपरागुरु तव शरणम् ॥११॥शंकर सद्गुरु तव शरणम् । परिज्ञानाश्रम तव शरणम् ॥ द्वितीय शंकर दत्तदिगंबर । अवधूतरूपा तव शरणम् ॥१२॥केशवआश्रम तव शरणम् । वामनआश्रम तव शरणम् ॥ ज्ञानमूर्ते तपोनिधे गुरु । श्रीकृष्णाश्रम तव शरणम् ॥१३॥दत्तात्रेया तव शरणम् । काषायांवर तव शरणम् ॥ पांडुरंगआश्रम सद्गुरुवर । त्रिगुणातीता तव शरणम् ॥१४॥लक्ष्मीकांता तव शरणम् । आसुरमर्दन तव शरणम् ॥ आनंदाश्रम सच्चित्सुखदा । विश्र्वपालका तव शरणम् ॥१५॥भक्तवत्सला तव शरणम् । भक्तरक्षका तव शरणम् ॥ भक्तोद्धारक आनंदाश्रम । तेजोरूपा तव शरणम् ॥१६॥परम्पराष्टकमिदं नित्यं य: पठते नर: । भ्रुक्तिं मुक्तिं तथारोग्यं आनन्दं लभते परम् ॥ N/A References : N/A Last Updated : January 23, 2024 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP