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ग्राम्या
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ग्रामीण लोगोंके प्रति बौद्धिक सहानुभूती से ओतप्रोत कविताये इस संग्रह मे लिखी गयी है। ग्रामों की वर्तमान दशा प्रतिक्रियात्मक साहित्य को जन्म देती है।


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कवितासंग्रह - ग्राम्या
प्रकाशक - नार्दर्न इंडिया पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली

Last Updated : October 11, 2012

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