दुःखमोचकश्रीमदच्युताष्टकम् - अच्युताच्युत हरे परमात्मन...
देवी देवतांची अष्टके आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय.Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.
अच्युताच्युत हरे परमात्मन्
रामकृष्ण पुरुषोत्तम विष्णो ।
वासुदेव भगवन्ननिरुद्ध
श्रीपते शमय दुःखमशेषम् ॥१॥
विश्वमङ्गल विभो जगदीश
नन्दनन्दन नृसिंह नरेन्द्र ।
मुक्तिदायक मुकुन्द मुरारे
श्रीपते शमय दुःखमशेषम् ॥२॥
रामचन्द्र रघुनायक देव
दीननाथ दुरितक्ष्ययकारिन् ।
यादवेन्द्र यदुभूषण यज्ञ
श्रीपते शमय दुःखमशेषम् ॥३॥
देवकीतनय दुःखदवाग्ने
राधिकारमण रम्य सुमूर्ते ।
दुःखमोचक दयार्णव नाथ
श्रीपते शमय दुःखमशेषम् ॥४॥
गोपिकावदनचन्द्रचकोर
नित्य निर्गुण निरन्जन जिष्णो ।
पूर्णरूप जयशंकरशर्व
श्रीपते शमय दुःखमशेषम् ॥५॥
गोकुलेश गिरिधारणधीर
यामुनाच्छतटखेलन वीर ।
नारदादि मुनिवन्दितपाद
श्रीपते शमय दुःखमशेषम् ॥६॥
द्वारकाधिप दुरन्तगुणाब्धे
प्राणनाथ परिपूर्ण भवारे ।
ज्ञानगम्य गुणसागर ब्रह्मन्
श्रीपते शमय दुःखमशेषम् ॥७॥
दुष्टनिर्दलन देव दयालो
पद्मनाभ धरणीधर धन्विन् ।
रावणान्तक रमेश मुरारे
श्रीपते शमय दुःखमशेषम् ॥८॥
अच्युताष्टकमिदं रमणीयम्
निर्मितं भवभयं विनिहन्तुम् ।
यः पठेत् विषयवृत्तिनिवृत्तिम्
जन्मदुःखमखिलं स जहाति ॥९॥
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Last Updated : February 13, 2018
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