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जय शङ्खगदाधर नीलकलेवर पीत...

मदनमोहनाष्टकम् - जय शङ्खगदाधर नीलकलेवर पीत...

देवी देवतांची अष्टके, आजारपण किंवा कांही घरगुती त्रास होत असल्यास घरीच देवासमोर म्हणण्याची ईश्वराची स्तुती होय.
Traditionally,the ashtakam is recited in homes, when some one has health or any domestic problems.


जय शङ्खगदाधर नीलकलेवर पीतपटाम्बर देहि पदम् । जय चन्दनचर्चित कुण्डलमण्डित कौस्तुभशोभित देहि पदम् ॥१॥
जय पङ्कजलोचन मारविमोहन पापविखण्डन देहि पदम् । जय वेणुनिनादक रासविहारक वङ्किम सुन्दर देहि पदम् ॥२॥
जय धीरधुरन्धर अद्भुतसुन्दर दैवतसेवित देहि पदम् । जय विश्वविमोहन मानसमोहन संस्थितिकारण देहि पदम् ॥३॥
जय भक्तजनाश्रय नित्यसुखालय अन्तिमबान्धव देहि पदम् । जय दुर्जनशासन केलिपरायण कालियमर्दन देहि पदम् ॥४॥
जय नित्यनिरामय दीनदयामय चिन्मय माधव देहि पदम् । जय पामरपावन धर्मपरायण दानवसूदन देहि पदम् ॥५॥
जय वेदविदांवर गोपवधूप्रिय वृन्दावनधन देहि पदम् । जय सत्यसनातन दुर्गतिभञ्जन सज्जनरञ्जन देहि पदम् ॥६॥
जय सेवकवत्सल करुणासागर वाञ्छितपूरक देहि पदम् । जय पूतधरातल देवपरात्पर सत्त्वगुणाकर देहि पदम् ॥७॥
जय गोकुलभूषण कंसनिषूदन सात्वतजीवन देहि पदम् । जय योगपरायण संसृतिवारण ब्रह्मनिरञ्जन देहि पदम् ॥८॥
॥ इति श्रीमदनमोहनाष्टकं सम्पूर्णम् ॥

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Last Updated : November 11, 2016

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