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करो कोई लाख करैयो एक ...

विविध - करो कोई लाख करैयो एक ...

’विविध’ शीर्षकके द्वारा संतोंके अन्यान्य भावोंकी झलक दिखलानेवाली वाणीको प्रस्तुत किया है ।


करो कोई लाख करैयो एक और है ।

करैयो एक और है, भक्तांको भीड़ी और है ॥ १ ॥

कहै हिरनाकुश मारुँगा प्रह्लादने ।

मारुँगा प्रह्लादने मेरी खड्ग कठोर है ॥ २ ॥

कहै दु:शासन सुन ये द्रौपदी ।

करुँ तन नगन भुजामें मेरे जोर है ॥ ३ ॥

कहै कंस वसुदेवको निरवंस करुँ ।

करुँगा निरबंस शिशुपालकै सिरमोर है ॥ ४ ॥

राणोजी बोल्यो सुन ये मेड़तड़ी ।

देऊँ तन जहर-विष योही मेरो जोर है ॥ ५ ॥

मीराँके प्रभु गिरिधर- नागर ।

करताको करैयो एक नन्दको किशोर है ॥ ६ ॥

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Last Updated : January 22, 2014

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