म्हारो लग्यो राम सैं हेत-हेत ।
करमां को संगाती राणा कोई भी नहिं ॥ टेर॥
एक माटीका दोय माटला, राणाजी ।
ज्यांरो न्यारो-न्यारो भाग, करमांको संगाती ॥१॥
एक तो शिवजीके जल चढ़े, राणाजी।
दूजो श्मशानमें जाय, करमांको संगाती ॥२॥
एक गऊके दोय बाछड़ा. राणाजी ।
ज्यांरो न्यारो-न्यारो भाग, कंरमाको संगाती ॥३॥
एक तो शिवजीके नांदियो, राणाजी ।
दूजो बिणजारा रो बैल, करमांको संगाती ॥४॥
एक-नारीके दोय बालका, राणाजी ।
ज्यांरो न्यारो-न्यारो भाग, करमांको संगाती ॥५॥
एक तो भोगे राजगद्दी, राणाजी ।
दूजो भीख मांगने जाय, करमांको संगाती ॥६॥
मीरां तो जन्मी मेड़ते, राणाजी ।
ब्याही सीसोद्यां रै गाँव, करमांको संगाती ॥७॥
राणोजी भोगे राजगद्दी, राणाजी ।
मीरां साधांरी मण्डली मांय, करमाको संगाती ॥८॥