हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|भजनामृत|विविध|
नाम लिया हरि का जिसने...

विविध - नाम लिया हरि का जिसने...

’विविध’ शीर्षकके द्वारा संतोंके अन्यान्य भावोंकी झलक दिखलानेवाली वाणीको प्रस्तुत किया है ।


नाम लिया हरि का जिसने, तिन और का नाम लिया न लिया ॥ टेर॥

जड़ चेतन सब जगजीवन को, घट में अपने सम जान सदा,

सब का प्रतिपालन नित्य किया, तिन बिप्रन दान दिया न दिया ॥

काम किये परमारथ के, तनसे मनसे धनसे करके ,

जग अन्दर कीरति छाय रही, दिन च्यार विसेस जिया न जिया ॥

जिस के घरमें हरि की चर्चा नित होवत है दिन रात सदा ,

सतरंग कथामृत पान किया, तिन तीरथ नीर पिया न पिया ॥

गुरु के उपदेस समागम से, जिनके अपने घट भीतर में,

ब्रह्मानन्द सरुप को जान लिया, तिन साधन योग किया न किया ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : January 22, 2014

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP