हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|भजनामृत|विविध| मत बाँधो गठरिया अपजस ... विविध बँगला अजब बन्या महाराज... क्या तन माँजता रे , एक... करो हरी का भजन प्यारे... करमाँ की रेखा न्यारी ,... मोर मुकुट की देख छटा ... म्हानैं घड़ो उठाता जावो... सन्तो कुण आवे रे कुण ... सुरताँ दिन दस पीवरिये ... चेतो कर ले राम सुमर ... नाम लिया हरि का जिसने... म्हारो लग्यो राम सैं ... जगमें होनहार बलवान , इस... नाथ ! थारे सरणे आयोजी ... मैं तो हूँ भगतनको दास... म्हाने रामजी सदा बर द... मैं तो गिरधर के रंग ... मैं तो हूँ संतन को द... मत बाँधो गठरिया अपजस ... तन धर सुखिया कोई न द... कैसो केल रच्यो मेरे द... जानकीनाथ सहाय करे , तब ... मनवा नाँहि विचारो, थारी म... भज मन चरण कमल अविनासी... तेरा रामजी करेंगे बेड़ा... मैं नहीं , मेरा नहीं , ... पछतायेगा , पछतायेगा फिर ... म्हारा नटराजा , थाँरे न... जय भगवद् गीते , जय भगव... ॐ जय जगदीश हरे , प्रभु... भये प्रगट कृपाला दीन ... मो सम कौन कुटिल खल क... सुने री मैंने निरबल क... उड़ जायगा रे हंस अकेला... चलो मन गंगा जमुना तीर... मन ! तू क्यों पछतावे ... उठ जाग मुसाफिर भोर भई... करो कोई लाख करैयो एक ... कैसे बैठ्यो रे आलसमें ... डरते रहो यह जिन्दगी , ... जनम लियो वाने मरणो पड़... जीव ! तू मत करना फिकर... सूरत दीनानाथसे लगी , तू... मनवाँ काँई कमायो रे ?... दो दिनका जगमें मेला , ... मूरख छाड़ वृथा अभिमान ... करी गोपालकी सब होई । ... आरामके साथी क्या -क्या ... सब दिन होत न एक समान... विविध - मत बाँधो गठरिया अपजस ... ’विविध’ शीर्षकके द्वारा संतोंके अन्यान्य भावोंकी झलक दिखलानेवाली वाणीको प्रस्तुत किया है । Tags : bhajankirtanकीर्तनभजनहिंदी विविध Translation - भाषांतर मत बाँधो गठरिया अपजस की ॥ टेर॥ यो संसार बादल की छाया, करो कमाइ भाई हरि रस की ॥१॥ जोर जवानी ढलक जायगी, बाल अवस्था तेरी दिन दस की ॥२॥ धर्मदूत जब फाँसी डारे, खबर लेवे थारे नस- नस की ॥३॥ कहत कबीर सुनो भाई साधो, जब तेरे बात नहीं बस की ॥४॥ N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2014 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP