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astronomy
Meanings: 15; in Dictionaries: 10
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radio-astronomy
Meanings: 4; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 2.383527 | Lang: NA
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gravitational astronomy
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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physical astronomy
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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कर्मविपाकसंहिता - पुनर्वसु नक्षत्र
कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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ग्रहलाघव - अहर्गणसाधन
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघव - ग्रहयुत्याधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - चन्द्रग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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भृगुसूत्रम् - द्वितीयोऽध्यायः
‘ भृगुसूत्र’ नावे या ग्रंथात जन्मपत्रिकेचे फळ उत्तम प्रकारे अचूक कथन केले आहे.
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ग्रहलाघवः
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही.
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ग्रहलाघव - सूर्यग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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कर्मविपाकसंहिता - मघा नक्षत्र
कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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कर्मविपाकसंहिता - मृगशिर नक्षत्र
कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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ग्रहलाघव
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - पञ्चाङ्गचन्द्रग्रहण
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - त्रिप्रश्र्नाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघव - त्रिप्रश्राधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - नक्षत्र छायाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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कर्मविपाकसंहिता - चित्रा नक्षत्र
कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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ग्रहलाघव - छायाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघवः - रविचन्द्रस्पष्टीकरणपञ्चाङ्गानयनाधिकारः
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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कर्मविपाकसंहिता - भरणी नक्षत्र
कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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भृगुसूत्रम् - सप्तमोऽध्यायः
‘ भृगुसूत्र’ नावे या ग्रंथात जन्मपत्रिकेचे फळ उत्तम प्रकारे अचूक कथन केले आहे.
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ग्रहलाघव - चंद्रग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघवः - पञ्चाङ्गाद ग्रहणद्वयसाधनाधिकारः
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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भृगुसूत्रम् - चतुर्थोऽध्यायः
‘ भृगुसूत्र’ नावे या ग्रंथात जन्मपत्रिकेचे फळ उत्तम प्रकारे अचूक कथन केले आहे.
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ग्रहलाघव - स्थूलग्रहणद्वयसाधनाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघवः - पाताधिकारः
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघव - श़ृङ्गोन्नत्यधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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कर्मविपाकसंहिता
नक्षत्रचरणजातफलदर्शिका कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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ग्रहलाघव - श्रृंगोन्नत्यधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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कर्मविपाकसंहिता - मूल नक्षत्र
कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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कर्मविपाकसंहिता - रेवती नक्षत्र
कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है।
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ग्रहलाघवः - सूर्यग्रहणाधिकारः
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघव - पाताधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - रविचन्द्रस्पष्टीकरणपञ्चाङ्गानयनाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघवः - ग्रहच्छायाधिकारः
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघवः - मासगणाद्ग्रहणद्वयसाधनाधिकारः
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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भृगुसूत्रम् - अष्टमोऽध्यायः
‘ भृगुसूत्र’ नावे या ग्रंथात जन्मपत्रिकेचे फळ उत्तम प्रकारे अचूक कथन केले आहे.
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ग्रहलाघव - परिभाषा
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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भृगुसूत्रम् - तृतीयोऽध्यायः
‘ भृगुसूत्र’ नावे या ग्रंथात जन्मपत्रिकेचे फळ उत्तम प्रकारे अचूक कथन केले आहे.
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कर्मविपाकसंहिता - गुरु की प्रार्थना
भगवान शंकर और पार्वतीजीने जीवोंके निस्तारके लिये नाना प्रकारके प्रायश्चित्त संचित कर्मोंके नाश के लिये बताये है , उन्हीं का वर्णन कर्मविपाक ग्रंथ में लिखा हुआ है।
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ग्रहलाघव - स्पष्टाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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भृगुसूत्रम् - प्रथमोऽध्यायः
‘ भृगुसूत्र’ नावे या ग्रंथात जन्मपत्रिकेचे फळ उत्तम प्रकारे अचूक कथन केले आहे.
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ग्रहलाघव - मध्यमाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघव - पञ्चतारास्पष्टीकरणाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - नक्षत्रच्छायाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - अथास्तोदयाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघवः - चन्द्रग्रहणानयनाधिकारः
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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ग्रहलाघव - सूर्यग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्राविना हिंदू धर्मियांचे कार्य एक क्षणसुद्धा चालू शकत नाही .
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