संस्कृत सूची|शास्त्रः|ज्योतिष शास्त्रः|कर्मविपाकसंहिता| कर्मविपाकसंहिता कर्मविपाकसंहिता गुरु की प्रार्थना अश्विनी तक्षत्र भरणी नक्षत्र कृत्तिका नक्षत्र रोहिणी नक्षत्र मृगशिर नक्षत्र आर्द्रा नक्षत्र पुनर्वसु नक्षत्र पुष्य नक्षत्र आश्लेषा नक्षत्र मघा नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र हस्त नक्षत्र चित्रा नक्षत्र स्वाती नक्षत्र विशाखा नक्षत्र अनुराधा नक्षत्र ज्येष्ठा नक्षत्र मूल नक्षत्र पूर्वाषाढा नक्षत्र उत्तराषाढा नक्षत्र श्रवण नक्षत्र धनिष्ठा नक्षत्र शतभिषा नक्षत्र पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र उत्तराभाद्रपदा नक्षत्र रेवती नक्षत्र कर्मविपाकसंहिता नक्षत्रचरणजातफलदर्शिकाकर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। Tags : astronomykarmavipakasamhitaकर्मविपाकसंहिताज्योतिष | Show All कर्मविपाकसंहिता - गुरु की प्रार्थना भगवान शंकर और पार्वतीजीने जीवोंके निस्तारके लिये नाना प्रकारके प्रायश्चित्त संचित कर्मोंके नाश के लिये बताये है , उन्हीं का वर्णन कर्मविपाक ग्रंथ में लिखा हुआ... कर्मविपाकसंहिता - अश्विनी तक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - भरणी नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - कृत्तिका नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। करणकल्पलता - रोहिणी नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - मृगशिर नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - आर्द्रा नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - पुनर्वसु नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - पुष्य नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - आश्लेषा नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - मघा नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - हस्त नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - चित्रा नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - स्वाती नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - विशाखा नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - अनुराधा नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - ज्येष्ठा नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। कर्मविपाकसंहिता - मूल नक्षत्र कर्मविपाकसंहितासे बडी सुगमतासे लोग अपना पूर्वजन्म का वृत्तांत जान सकते है और विधिपूर्वक प्रायश्चित्त करने से अपने मनोरथों को सिद्ध कर सकते है। | Show All : Folder : Page : Word/Phrase : Person References : N/A Last Updated : May 04, 2011 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP