गुरूचरित्र - सप्तस्वरादिकांचा तक्ता
श्रीगुरुचरित्र हा ग्रंथ महाराष्ट्रात वेदांइतकाच मान्यता पावलेला आहे.
Shri GuruCharitra is the most influential book written in Marathi.
श्रीगुरूचरित्रातील ( अ. ६ ) सप्तस्वरादिकांचा तक्ता
स्वरनामें - षड्ज ( सा )
द्वीपे - जंबुद्वीप
स्थानें - कंठ
आलाप सादृश्य - मयूर
कुळ - गीर्वाणकुळ
वंश किंवा याति - ब्रह्मवंश
वर्ण ( रंग ) - पद्मपत्रवर्ण
देवता - वन्हि
रस - श्रृंगार
ओंव्या - ४८।४९
स्वरनामें - ऋषभ ( रे )
द्वीपे - प्लक्षद्वीप
स्थानें - हृदय
आलाप सादृश्य - चाष
कुळ - ऋषीकुळ
वंश किंवा याति - क्षत्रियवंश
वर्ण ( रंग ) - विराजवर्ण
देवता - यम
रस - अद्भुत
ओंव्या - ५०।५१
स्वरनामें - गांधार ( ग )
द्वीपे - कुशद्वीप
स्थानें - नासिक
आलाप सादृश्य - अज
कुळ - गीर्वाण०
वंश किंवा याति - वैश्यवंश
वर्ण ( रंग ) - सुवर्णवर्ण
देवता - चंद्र
रस - अद्भुत
ओंव्या - ५२ । ५३
स्वरनामें - मध्यम ( म )
द्वीपे - क्रौंचद्वीप
स्थानें - उर
आलाप सादृश्य - क्रौंच
कुळ - गीर्वाण०
वंश किंवा याति - ब्रह्मवंश
वर्ण ( रंग ) - कुंदवर्ण
देवता - लक्ष्मी
रस - करूणा
ओंव्या - ५४ । ५५
स्वरनामें - पंचम
द्वीपे - शाल्मलीद्वीप
स्थानें - कंठ
आलाप सादृश्य - कोकिळा
कुळ - ?
वंश किंवा याति - पितृवंश
वर्ण ( रंग ) - कृष्णवर्ण
देवता - गणनाथ
रस - हास्य
ओंव्या - ५६ । ५७
स्वरनामें - धैवत ( ध )
द्वीपे - श्वेतद्वीप
स्थानें - ललाट
आलाप सादृश्य - दर्दुर
कुळ - ऋषीकुळ
वंश किंवा याति - उत्तमवंश
वर्ण ( रंग ) - पीतवर्ण
देवता - नारदगणेश
रस - बीभत्स
ओंव्या - ५८ । ६०
स्वरनामें - निषाद ( नी )
द्वीपे - पुष्करद्वीप
स्थानें - तालव्य
आलाप सादृश्य - हत्त्ती
कुळ - वैश्यकुळ
वंश किंवा याति - असुरवंश
वर्ण ( रंग ) - पाटलिवर्ण
देवता - तुंबर-सूर्य
रस - भयानक
ओंव्या - ६१ । ६३
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Last Updated : June 27, 2023
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