गुरूचरित्र - गायत्रीमंत्राच्या न्यासादिकाचा तक्ता
श्रीगुरुचरित्र हा ग्रंथ महाराष्ट्रात वेदांइतकाच मान्यता पावलेला आहे.
Shri GuruCharitra is the most influential book written in Marathi.
श्रीगुरूचरित्र ( अ. ३६, ओं. ३५८-४०७ ) मधील गायत्रीमंत्राच्या न्यासादिकाचा तक्ता
वर्णाक्षर - तत
देवता - अग्नि
वर्ण - सुवर्णचंपक
फल - पापनाश
न्यास - पादांगुष्ट
मुद्रा ( देवी भागवत ) - सुमुखं
वर्णाक्षर - स
देवता - वायु
वर्ण - अतसीपुष्प
फल - उपपातकनाश
न्यास - गुल्फ
मुद्रा ( देवी भागवत ) - संपुटं
वर्णाक्षर - वि
देवता - सूर्य
वर्ण -कपिलवर्ण
फल - महापापनाश
न्यास - जंघा
मुद्रा ( देवी भागवत ) - विततं
वर्णाक्षर - तु
देवता - विद्युदेवता
वर्ण -इंद्रनील
फल - महारोगनाश
न्यास - जानु
मुद्रा ( देवी भागवत ) - विस्तृतं
वर्णाक्षर - र्व
देवता - यम
वर्ण - वन्हि
फल - भ्रुणहत्यादोषनाश
न्यास - ऊरू
मुद्रा ( देवी भागवत ) - द्विमुखी
वर्णाक्षर - रे
देवता - वरूण
वर्ण - ?
फल - अगम्यागमनपापनाश
न्यास - गुह्य
मुद्रा ( देवी भागवत ) - त्रिमुखी
वर्णाक्षर - णि
देवता - बृहस्पति
वर्ण -विद्दुतप्रकाश
फल - अभक्ष्यपापनाश
न्यास - वृषण
मुद्रा ( देवी भागवत ) - चतुर्मुखी
वर्णाक्षर - यं
देवता - पर्जन्य
वर्ण - तारका
फल - देहहत्यापापनाश
न्यास - कटि
मुद्रा ( देवी भागवत ) - पंचमुखी
वर्णाक्षर - भ
देवता - इंद्र
वर्ण - कृष्णमेघ
फल - गुरूहत्यापापनाश
न्यास - नाभि
मुद्रा ( देवी भागवत ) - षण्मुखी
वर्णाक्षर - र्गो
देवता - गंधर्व
वर्ण - रक्तवण
फल - गोहत्यापापनाश
न्यास - उदर
मुद्रा ( देवी भागवत ) - अधोमुखी
वर्णाक्षर - दे
देवता - पूषा
वर्ण - ?
फल - स्त्रीहत्यापापनाश
न्यास - स्तन
मुद्रा ( देवी भागवत ) - व्यापकांजली
वर्णाक्षर - व
देवता - रूद्र
वर्ण - शुक्ल
फल - वाग्जातपापनाश
न्यास - हृदय
मुद्रा ( देवी भागवत ) - शकट
वर्णाक्षर - स्य
देवता - त्वष्टा
वर्ण - कांचन
फल - मानकौटिल्यपापनाश
न्यास - कंठ
मुद्रा ( देवी भागवत ) - यमपाश
वर्णाक्षर - धी
देवता - वसु
वर्ण - शुक्ल कुमुद
फल - पितृहत्यापापनाश
न्यास - दंत
मुद्रा ( देवी भागवत ) - ग्रंथित
वर्णाक्षर - म
देवता - मरूत्
वर्ण - पद्मराग
फल - सर्वजन्मपापनाश
न्यास - तालु
मुद्रा ( देवी भागवत ) - सन्मुखोन्मुख
वर्णाक्षर - हि
देवता - सोम
वर्ण - शंख
फल - सर्वपापनाश
न्यास - नासिका
मुद्रा ( देवी भागवत ) - प्रलंब
वर्णाक्षर - धि
देवता - अंगिरा
वर्ण - पांडुर
फल - पाणिग्रहणपापनाश
न्यास - नेत्र
मुद्रा ( देवी भागवत ) - मत्स्य
वर्णाक्षर - यो
देवता - वि्श्वेदेव
वर्ण - रक्तगौर
फल - प्राणिवधपापनाश
न्यास - भ्रुमध्य
मुद्रा ( देवी भागवत ) - मुष्टिक
वर्णाक्षर - यो
देवता - अश्विनौ
वर्ण - ऋक्माभ
फल - सर्वपापनाश
न्यास - ललाट
मुद्रा ( देवी भागवत ) - कूर्म
वर्णाक्षर - नः
देवता - प्रजापति
वर्ण - उदित सूर्य
फल - विरंचिपदप्राप्ति
न्यास - पूर्व मुख
मुद्रा ( देवी भागवत ) - वराह
वर्णाक्षर - प्र
देवता - सर्वदेव
वर्ण - इंद्रनील
फल - सर्वदेवपदवी प्राप्ति
न्यास - दक्षिण
मुद्रा ( देवी भागवत ) - सिंहाक्रांति
वर्णाक्षर - चो
देवता - रूद्रदेवता
वर्ण - कुंकुम
फल - कैलासपदवी प्राप्ति
न्यास - पश्चिम
मुद्रा ( देवी भागवत ) - महाक्रांति
वर्णाक्षर - द
देवता - ब्रह्मा
वर्ण - शुक्ल
फल - ब्रह्मपदप्राप्ति
न्यास - उत्तर
मुद्रा ( देवी भागवत ) - मुद्गर
वर्णाक्षर - या
देवता - विष्णु
वर्ण - सुवर्ण
फल - विष्णुपदप्राप्ति
न्यास - मूर्घ्नि
मुद्रा ( देवी भागवत ) - पल्लव
वर्णाक्षर - त्
देवता - विष्णु
वर्ण - विष्णुरूप
फल - वैकुंठवास
न्यास - शिखा
मुद्रा ( देवी भागवत ) - --
वरील सर्व ठिकाणी ऋषी विश्वामित्र आहेत.
वरील सर्व ठिकाणी छंद दैवी गायत्री आहेत.
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References : N/A
Last Updated : June 27, 2023
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