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गिरिधरकृत पदें १४८ ते १५४
पद हा अभंगाचाच एक प्रकार असून लयीत गाता येतो, शिवाय गाण्याची कोणतीही ठराविक वेळ नसते.
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गिरिधर
महाराष्ट्र कविचरित्र - लेखक जगन्नाथ रघुनाथ आजगांवकर.
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गिरिधर
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मीराबाई भजन - भाग १
मीराबाई कृष्ण भक्तीमे लीन होनेवाली भारतकी प्रमुख कवयित्री हैं।
Mirabai was a female Hindu poetess whose compositions are popular throughout India.
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मीरबाई भजन - भाग ४
मीराबाई कृष्ण भक्तीमे लीन होनेवाली भारतकी प्रमुख कवयित्री हैं।
Mirabai was a female Hindu poetess whose compositions are popular throughout India.
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मीराबाई भजन - भाग ३
मीराबाई कृष्ण भक्तीमे लीन होनेवाली भारतकी प्रमुख कवयित्री हैं।
Mirabai was a female Hindu poetess whose compositions are popular throughout India.
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श्रीहरिहरस्तुति: ॥
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी देवदेवतांवी स्तुती केली आहे, अशी क्वचितच् इतरांनी कोणी केली असेल.
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अभंग २६
श्रीमंत पुतळाराजे डॉवेजर राणीसाहेब रचित त्रयोदश अभंगमाला.
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मीराबाई भजन - भाग ५
मीराबाई कृष्ण भक्तीमे लीन होनेवाली भारतकी प्रमुख कवयित्री हैं।
Mirabai was a female Hindu poetess whose compositions are popular throughout India.
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मीराबाई भजन - भाग ६
मीराबाई कृष्ण भक्तीमे लीन होनेवाली भारतकी प्रमुख कवयित्री हैं।
Mirabai was a female Hindu poetess whose compositions are popular throughout India.
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भावगंगा - राधेश्याम राधेश्याम
स्वाध्याय-प्रेमाने तुडुंब भरून वाहणारी ही भावगंगा आहे.
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विविध - करो कोई लाख करैयो एक ...
’विविध’ शीर्षकके द्वारा संतोंके अन्यान्य भावोंकी झलक दिखलानेवाली वाणीको प्रस्तुत किया है ।
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गिरिधरकविकृत पदे
अनेककविकृत पदें.
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मीराबाई भजन - भाग २
मीराबाई कृष्ण भक्तीमे लीन होनेवाली भारतकी प्रमुख कवयित्री हैं।
Mirabai was a female Hindu poetess whose compositions are popular throughout India.
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श्रीकृष्णाची आरती - आरती कुंजबिहारीकी । गिरिध...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
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कळ्याकळ्यांत विहार
भा.रा.तांबे यांच्या कविता अत्यंत हळुवार असून त्या मनाला भिडतात
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निवडक अभंग संग्रह २२
निवडक अभंग संग्रह २२
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वियोग - साँवरिया अरज मीरा की ...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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संगीत अमृतसिद्धी
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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स्त्रीशिक्षा - सौभाग्यसुंदरी पद
श्री.प.प.वासुदेवानन्दसरस्वती टेंभेस्वामी यांनी स्त्रीयांना अतिशय मार्मिक उपदेश केला आहे.
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आठवण
कवी 'बी' हे कवींचे कवी आहेत. अनेक कवींना स्फूर्ति पुरविण्याइतके चैतन्य व तेज त्यांच्या कवितेत काठोकाठ भरलेले आहे.
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सती हृदय - श्लोक ८१ ते ९०
दुःशासनाकरवी अमानुष रीतीने छळली जात असलेली, भीषण संकटापन्न स्थितीतील द्रौपदी करूणरवाने भगवान श्रीकृष्णाचा धावा करते, तो प्रसंग यात वर्णिलेला आहे.
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श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार - शुद्ध , सच्चिदानंद , सनात...
श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके परमोपयोगी सरस पदोंसे की गयी भक्ति भगवान को परम प्रिय है।
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वैशाख शुद्ध १३
दिन विशेष - वर्षातील प्रत्येक दिवसाचे ऐतिहासीक महत्व.
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बुधवार प्रातःस्मरण - प्रारंभीपासून भजन - गुरु...
हरिगुणगानाच्या अभ्यासाने दिवसेंदिवस श्रद्धा बळकट होत जाते आणि हरिस्मरणात मन रमू लागते .
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नाम महिमा - हरे राम हरे राम राम ...
भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद १७६ से १८०
`श्रीकृष्ण माधुरी` पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद ७१ से ७५
इस पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
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अध्याय ४३ वा - श्लोक २६ ते ३०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद १०६ से ११०
इस पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद १५६ से १६०
`श्रीकृष्ण माधुरी` पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
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अध्याय ३० वा - श्लोक १६ ते २०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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कुम्भनदासजी
भक्तो और महात्माओंके चरित्र मनन करनेसे हृदयमे पवित्र भावोंकी स्फूर्ति होती है ।
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अध्याय ८२ वा - श्लोक ४१ ते ४५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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श्रीकृष्णाचीं पदें - पदे १ ते १०
मध्वमुनीश्वरांची कविता
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पांडुरंगस्तोत्रम् - चतुर्थम्
महाराष्ट्रकविवर्य श्रीमयूरविरचिते ग्रन्थ ‘ संस्कृतकाव्यानि ’
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संगीत मूकनायक
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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गुरुवार सायंस्मरण - भजन - सदगुरुनाथे माझे आई ...
हरिगुणगानाच्या अभ्यासाने दिवसेंदिवस श्रद्धा बळकट होत जाते आणि हरिस्मरणात मन रमू लागते .
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अध्याय २५ वा - श्लोक २६ ते ३३
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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उत्तराधि पदें - ७१२६ ते ७१४५
तुकारामबाबा आणि त्यांचे शिष्य यांच्या अभंगांची गाथा.
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शिवभारत - अध्याय पंचविसावा
श्रीछत्रपती शिवाजी महाराज यांच्या आज्ञेवरून लिहिलेलें कवीन्द्र परमानन्दकृत ' श्रीशिवभारत '
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भक्त लीलामृत - अध्याय ४६
महिपतिबोवांच्या वाचेला सिद्धी होती, म्हणूनच हा ग्रंथ जो भक्तिभावाने व एकाग्रतेने वाचील त्याला फलश्रुतीचा अनुभव खचितच येणार.
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दोहे - ५१ से १००
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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शिवभारत - अध्याय पंचविसावा
श्रीछत्रपती शिवाजी महाराज यांच्या आज्ञेवरून लिहिलेलें कवीन्द्र परमानन्दकृत ' श्रीशिवभारत '
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श्रीकेशवस्वामी - भाग २५
केशवस्वामींनी मनोभावेंकरून आपल्या कार्यातून हिंदू जनतेस त्यांच्या ठिकाणी आपला धर्म, आपला देश, आपली संस्कृती, आपली भाषा इत्यादिकांसंबंधी जागॄत केले.
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श्रीकृष्ण कथामृत - आठवा सर्ग
संतकवि श्रीगणुदास यांनी रचलेले श्रीकृष्ण - कथामृत अमृताची गोडी देते.
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सूरदास की रचनाएं - भाग २
सूरदास का नाम कृष्ण-भक्ति की अजस्र धारा को प्रवाहित करने वाले भक्त कवियों में अग्रणी है। Surdas was a Hindu poet, sant and musician of India.
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रामीरामदास
महाराष्ट्र कविचरित्र - लेखक जगन्नाथ रघुनाथ आजगांवकर.
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भीम भक्तिचरित्राख्यान - कीर्तन पूर्वरंग निरुपण
कीर्तनासंबंधी ज्ञान संपादन करून, नंतर स्वार्थ वा परमार्थ संपादन व्हावा या उद्देशाने कीर्तन करून लोकांस ज्ञान सांगण्यासाठी कीर्तनकार आख्यान लावतात.
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अध्याय ५९ वा - श्लोक १ ते २
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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