गण्डमालाशमनव्रत
( अनु० प्रकाश ) - गुरुसे द्वेष रखने और दूसरोंका चित्त दुखानेसे या मेद और कफके कारणसे गण्डमाल ( काँ ख, कंधा, गला या सन्धि - प्रदेशादिमें बेर या आमलेके समान छोटी - बड़ी गंड - गूगड़ी ) होती है । इसके निमित्त चान्द्रायणव्रत और पुरुषसूक्तके एक हजार पाठ करे ।
कर्कन्धुकोलामलकप्रमाणैः कक्षांसमन्यागलवंक्षणेषु ।
मेदः कफाभ्यां चिरमन्दपाकैः स्याद् गण्डमाला .... ॥ ( माधव )