पाण्डुरोगप्रशनमव्रत
( धर्मानुसंधान ) - देवता २ और ब्राह्मण - इनके द्रव्यका अपहरण करने या वात, पित्त, कफ - इन तीनोंसे अथवा संनिपातसे और मृद्भक्षण ( मिट्टी खाने ) से पाण्डुरोग होता है । इसके निवारणके निमित्त कृच्छ्रतिकृच्छ्र चान्द्रायणव्रत करके सुवर्णका दान दे और कूमाण्डी हवन करे ।
देवब्राह्मणद्रव्यापहारी पाण्डुरोगवान् ॥ ( अ० प्र० )