हिंदी सूची|व्रत|विशिष्ट व्रत|रोग हनन व्रत|
मून्नकृच्छ्रोपशमनव्रत

रोग हनन व्रत - मून्नकृच्छ्रोपशमनव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


मून्नकृच्छ्रोपशमनव्रत

( मन्त्नमहार्णव ) - इस रोग के रोगोंको चाहिये कि वह प्रातःस्त्रानादिसे निवृत्त होनेके अनन्तर शुभासनपर पूर्वाभिमुख बैठकर

' मम मूत्रकृच्छ्रादिप्रशनमनपूर्वकमायुरारोग्यैश्वर्याभिव्युद्धयर्थं पुरुषसूक्तस्य सहस्त्रनामस्तोत्रस्य च यथासंख्यापरिमितपाठानहं करिष्ये ।'

ये संकल्प करके उक्त दोनों पुरुषसूक्त और विष्णुसहस्त्रनामके पृथक् पृथक् पाठ करे ।

N/A

References : N/A
Last Updated : January 16, 2012

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP