सुपार्श्व n. (सो. ढिमीढ) एक राजा, जो मत्स्य एवं वायु के अनुसार रुक्मरथ का, तथा भागवत एवं विष्णु अनुसार दृढ़नेमि राजा का पुत्र था
[मत्स्य. ४९.७३] ;
[भा. ९.२१.२७] । भागवत एवं विष्णु में दृढ़नेमि से लेकर सुपार्श्व तक की पीढ़ियों का निर्देश अप्राप्य है ।
सुपार्श्व II. n. (सू. निमि.) एक राजा, जो विष्णु के अनुसार श्रुतायु राजा का पुत्र था
[विष्णु. ४.५.३१] । भागवत में इसे सुपार्श्वक कहा गया है ।
सुपार्श्व III. n. दुर्योधनपक्ष का एक राजा, जो कुपट नामक असुर अंश से उत्पन्न हुआ था
[म. आ. ६१.५५५* पंक्ति. २१] ।
सुपार्श्व IV. n. एक लोकसमूह, जिनके कथ नामक राजा को भीमसेन ने अपने पूर्वदिग्विजय में जीता था ।
सुपार्श्व V. n. रावण का एक अमात्य, जिसने रावण को सीतावध जैसे पापकर्म करने से परावृत्त किया था
[वा. रा. यु. ९२.६०] ।
सुपार्श्व VI. n. पक्षिराज संपाति का पुत्र, जिसने सीतावध की वार्ता अपने पिता को सुनायी थी
[वा. रा. कि. ५९.८] । इसके सीता की मुक्तता के कार्य में कोई भी प्रयत्न न करने के कारण, इसका पिता इस पर अत्यंत क्रुद्ध हुआ । इसी कारण यह डर से दूरवर्ती प्रदेश में भाग गया
[आ. रा. ७.८] ।