रुक्मरथ II. n. मद्रदेशाधिपति शल्य राजा का ज्येष्ठ पुत्र, जो अपने पिता एवं भाई रुक्मांगद के साथ द्रौपदीस्वयंवर में उपस्थित था
[म. आ. १७७.१३] । भारतीययुद्ध में यह कौरवों के पक्ष में शामिल था । युद्ध के प्रारंम में इसका श्वेत से युद्ध हुआ था, जिसके बाणों से यह आहत हुआ था
[म. भी. परि. १. क्र. ४. पंत्ति. १०] । इसका अभिमन्यु से युद्ध हुआ था, जिसमें यह एवं इसके अन्य भाई मारे जाने का निर्देश प्राप्त है
[म. द्रो. ४४.१३] । किन्तु सहदेव के द्वारा इसका वध होने का निर्देश भी महाभारत में अन्यत्र प्राप्त है
[म. क. ४.२७] । इनमें से अभिमन्यु के द्वारा इसका वध होने की संभावना अधिक प्रतीत होती है । सहदेव के द्वारा मारा गया योद्धा शल्यपुत्र रुक्मरथ न हो कर. शल्य का अन्य पुत्र रुक्मांगद होगा ।
रुक्मरथ III. n. (सो. द्विमीढ.) एक राजा, जो मत्स्य के अनुसार महापौरव राजा का पुत्र था ।
रुक्मरथ IV. n. द्रोणाचार्य का नामांतर, जो उसे उसके सुवर्णरथ के कारण प्राप्त हुआ था
[म. द्रो. १२.२२] ।
रुक्मरथ V. n. त्रिगर्तदेशीय राजकुमारों के एक दल का सामूहिक नाम । इसने कर्ण की आज्ञा से अर्जुन पर आक्रमण किया था
[म. द्रो. ८७.१९-२५] ।