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कोई कहियो रे प्रभु आव...

वियोग - कोई कहियो रे प्रभु आव...

भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।


कोई कहियो रे प्रभु आवनकी, आवनकी मनभावनकी ॥ टेक !!

आप न आवै लिख नहिं भेजै बाण पड़ी ललचावनकी ।

ए दो नैण कह्यो नहीं मानै, नदियाँ बहै जैसे सावनकी ॥१॥

कहा करुँ कछु नहिं बस मेरो, पाँख नहीं उड़ जावनकी ।

मीरा कहै प्रभु कबर मिलोगे, चेरी भई हूँ तेरे दाँवन की ॥२॥

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Last Updated : January 30, 2018

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