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ऐसो को उदार जग माहीं । ब...

भजन - ऐसो को उदार जग माहीं । ब...

तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।


ऐसो को उदार जग माहीं ।

बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर, राम सरिस कोउ नाहीं ॥१॥

जो गति जोग बिराग जतक करि, नहिं पावत मुनि ग्यानी ।

सो गति देत गीध सबरी कहॅं, प्रभु न बहत जिय जानी ॥२॥

जो संपति दस सीस अरपि करि, रावन सिव पहॅं लीन्हीं ।

सो संपदा बिभीषन कहॅं अति सकुच-सहित हरि दीन्हीं ॥३॥

तुलसीदास सब भाँति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो ।

तौ भजु राम, काम सब पूरन करहिं कृपानिधि तेरो ॥४॥

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Last Updated : December 15, 2007

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