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पावन प्रेम रामचरन कमल जनम...

भजन - पावन प्रेम रामचरन कमल जनम...

तुलसीदास हिन्दीके महान कवी थे, जिन्होंने रामचरितमानस जैसी महान रचना की ।


पावन प्रेम रामचरन कमल जनम लाहु परम ।

राम-नाम लेत होत, सुलभ सकल धरम ॥

जोग मख बिबेक बिरति, बेद-बिदित करम ।

करिबे कहुँ कटु कठोर सुनत मधुर नरम ॥

तुलसी सुनि, जानि बूझि, भूलहि जनि भरम ।

तेहि प्रभुकी तू सरन होहि, जेहि सबकी सरम ॥

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Last Updated : December 14, 2007

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