Dictionaries | References स संपाति { sampātiḥ } Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 संपाति हिन्दी (hindi) WN | Hindi Hindi | | noun रामायण में वर्णित एक गिद्ध जो जटायु का बड़ा भाई था Ex. संपाति ने सीता की खोज में निकले वानरों को सीता का पता बताया । ONTOLOGY:पौराणिक जीव (Mythological Character) ➜ जन्तु (Fauna) ➜ सजीव (Animate) ➜ संज्ञा (Noun) SYNONYM:सम्पाति संपाती सम्पातीWordnet:benসম্পাতি gujસંપાતિ kanಸಂಪಾತಿ kasسَنٛپاتہِ , سَمپاتہِ kokसंपाती malസമ്പാതി oriସଂପାତି panਸੰਪਤੀ tamசம்பாதி telసంపాతి urdسنپاتی , سمپاتی noun माली नामक राक्षस के चार पुत्रों में से एक Ex. संपाति का वर्णन रामायण में मिलता है । ONTOLOGY:पौराणिक जीव (Mythological Character) ➜ जन्तु (Fauna) ➜ सजीव (Animate) ➜ संज्ञा (Noun) SYNONYM:सम्पाति संपाती सम्पातीWordnet:kasسَنٛپاتی marसंपाती panਸੰਪਾਤੀ urdسنپاتی noun राम की सेना का एक वानर Ex. संपाति का वर्णन रामायण में मिलता है । ONTOLOGY:पौराणिक जीव (Mythological Character) ➜ जन्तु (Fauna) ➜ सजीव (Animate) ➜ संज्ञा (Noun) SYNONYM:सम्पाति संपाती सम्पातीWordnet:kasسَمٛپتی sanसम्पातिः urdسمپاتی Rate this meaning Thank you! 👍 संपाति प्राचीन चरित्रकोश | Hindi Hindi | | संपाति n. एक दीर्घजीवी पक्षी, जो अरुण एवं गृध्रि के पुत्रों में से एक था [वा. रा. कि. ५६] ;[ब्रह्मांड. ३.७.४४६] । अन्य पौराणिक साहित्य में इसकी माता का नाम श्येनी दिया गया है [वायु. ७०.३१७] ;[म. आ. ६०.६७] । इसके भाई का नाम जटायु था । वाल्मीकि रामायण में, इसका एवं इसके भाई जटायु का एक गीध पक्षी के नाते निर्देश पुनः पुनः प्राप्त है । फिर भी वाल्मीकि रामायण में ही प्राप्त एक निर्देश से प्रतीत होता है, यह अपने को एक पक्षी नहीं, बल्कि मनुष्यप्राणी ही मानता था [वा. रा. कि. ५६.४] । अतः संभव यही है कि, वाल्मीकि रामायण में निर्दिष्ट वानरों के समान, संपाति एवं जटायु ये भी गीधयोनिज पक्षी न हो कर, गीधों की पूजा करनेवाले आदिवासी लोगों का प्रतिनिधित्व करते थे (वानर देखिये) ।संपाति n. यह एवं इसका भाई जटायु विंध्यपर्वत ते तलहटी में रहनेवाले निशाकर (चंद्र अथवा चंद्रमस्) ऋषि की सेवा करते थे । एक बार वृत्रासुर का छलकपट से वध कर लौट आनेवाले इंद्र से इसकी तथा जटायु की भेंट हुई। इन्द्र ने इसको काफ़ी दुरुत्तर दिये जिस कारण इन दोनों में युद्ध प्रारंभ हुआ। इन्द्र ने अपने वज्र से इसे घायल किया, एवं वह जटायु का पीछा करने लगा। अन्त में जटायु थक कर नीचे गिरने लगा। अपने भाई को नीचे गिरते हुए देख कर, इसने उसकी रक्षा के लिए अपने पंख फैला कर उस पर छाया की। इस कार्य में सूर्यताप के कारण इसके पंख दग्ध हो गये, एवं यह एवं जटायु घायल हो कर पृथ्वी पर गिर पड़े। इन में से जटायु जनस्थान में, एवं यह विंध्य पर्वत के दक्षिण में निशाकर ऋषि के आश्रम के समीप गिर पड़े। अपने पंख दग्ध होने के कारण, यह अत्यंत निराश हुआ, एवं आत्मघात के विचार सोचने लगा। किंतु निशाकर मुनि ने इसे इन विचारों से परावृत्त किया, एवं भविष्य काल में रामसेवा का पुण्य संपादन कर, जीवन्मुक्ति प्राप्त कराने की सलाह इसे दी।संपाति n. यह एवं इसका पुत्र सुपार्श्र्व कितने विशालकाय एवं बलशाली थे, इसका दिग्दर्शन करनेवाली एक कथा ‘वाल्मीकी रामायण’ में प्राप्त है । सीता का हरण कर रावण जब लंका लौट रहा था, उस समय उसे पकड़ कर उसका भक्ष्य बनाने का प्रस्ताव इसके पुत्र सुपार्श्र्व ने इसके सामने रखा। इसके द्वारा संमति दिये जाने पर, सुपार्श्र्व ने रावण पर हमला कर उसे पकड़ लिया । किन्तु रावण के द्वारा अत्यधिक अनुनय-विनय किये जाने पर उसे छोड दिया ।संपाति n. एक बार यह अपनी गुफा में बैठा था, उस समय सीता की खोज़ के लिए दक्षिण दिशा की ओर जाने वाले अंगदादि वानर इसकी गुफा में आये। उन्ही के द्वारा रावण के द्वारा किये गये अपने भाई जटायु के वध की वार्ता इसे ज्ञात हुई। इस पर इसने सीता हरण रावण के द्वारा ही किये जाने की वार्ता उन्हें कह सुनायी, एवं पश्चात् अंगद के कंधे पर बैठ कर यह दक्षिण समुद्र के किनारे गया । वहाँ इसने अपने भाई जटायु को तर्पण प्रदान किया । पश्चात् निशाकर ऋषि के वर के कारण इसे अपने पंख पुनः प्राप्त हुए [वा. रा. कि. ५६-६३] ;[म. व. २६६.४८-५६] ;[अ. रा. कि. ८] ।संपाति n. इसके सुपार्श्र्व, बभ्रु, एवं शीघ्रग नामक तीन पुत्र थे [पद्म. सू. ६] ;[मत्स्य. ६.३५] । इसके एक पुत्र एवं एक कन्या होने का निर्देश वायु में प्राप्त है, किन्तु वहाँ उनकेनाम अप्राप्य हैं [वायु. ६९.३२७,७०.८-३६] । इसके अनेक पुत्र होने का निर्देश ब्रह्मांड में प्राप्त है [ब्रह्मांड. ३.७.४४६] ।संपाति II. n. किष्किंधा नगरी का एक वानर [वा. रा. कि. ३३.१०] ।संपाति III. n. विभीषण का एक अमात्य [वा. रा. सुं. ३७] ।संपाति IV. n. रावणपक्ष का एक असुर। लंकादहन के समय हनुमत् ने इसका घर जलाया था [वा. रा. सुं. ६] ।संपाति V. n. एक कौरवपक्षीय योद्धा, जो द्रोण के द्वारा निर्मित गरुड़व्यूह के हृदयस्थान में खड़ा था [म. द्रो. १९.१३] ; पाठ- ‘संपाति’ । Rate this meaning Thank you! 👍 संपाति The Practical Sanskrit-English Dictionary | Sanskrit English | | संपातिः [sampātiḥ] संपातिकः [sampātikḥ] संपातिकः N. of a fabulous bird, son of Garuḍa and elder brother of Jaṭāyu. Related Words संपाति संपाती ସଂପାତି ਸੰਪਤੀ सम्पातिः సంపాతి সম্পাতি સંપાતિ ಸಂಪಾತಿ സമ്പാതി சம்பாதி सम्पाती शीव्रग पौराणिक जन्तु पौराणिक प्राणी गृध्रिका चंद्रमस् पौराणिक जीव प्रजंघ सम्पाति मालि श्येनी सुपार्श्व अंगद बभ्रु विभीषण अरुण हनुमत् , हनूमत् राम હિલાલ્ શુક્લ પક્ષની શરુના ત્રણ-ચાર દિવસનો મુખ્યત ନବୀକରଣଯୋଗ୍ୟ ନୂଆ ବା વાહિની લોકોનો એ સમૂહ જેની પાસે પ્રભાવી કાર્યો કરવાની શક્તિ કે સર્જરી એ શાસ્ત્ર જેમાં શરીરના ન્યાસલેખ તે પાત્ર કે કાગળ જેમાં કોઇ વસ્તુને બખૂબી સારી રીતે:"તેણે પોતાની જવાબદારી ਆੜਤੀ ਅਪੂਰਨ ਨੂੰ ਪੂਰਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ బొప్పాయిచెట్టు. అది ఒక लोरसोर जायै जाय फेंजानाय नङा एबा जाय गंग्लायथाव नङा:"सिकन्दरनि खाथियाव पोरसा गोरा जायो आनाव सोरनिबा बिजिरनायाव बिनि बिमानि फिसाजो एबा मादै भाजप भाजपाची मजुरी:"पसरकार रोटयांची भाजणी म्हूण धा रुपया मागता नागरिकता कुनै स्थान ३।। कोटी ঁ ۔۔۔۔۔۔۔۔ ۔گوڑ سنکرمن ॐ 0 ० 00 ૦૦ ୦୦ 000 ০০০ ૦૦૦ ୦୦୦ 00000 ০০০০০ 0000000 00000000000 00000000000000000 000 பில்லியன் 000 மனித ஆண்டுகள் 1 १ ১ ੧ ૧ ୧ 1/16 ರೂಪಾಯಿ 1/20 1/3 ૧।। 10 १० ১০ ੧੦ ૧૦ ୧୦ ൧൦ 100 ۱٠٠ १०० ১০০ ੧੦੦ ૧૦૦ ୧୦୦ 1000 १००० ১০০০ ੧੦੦੦ ૧૦૦૦ ୧୦୦୦ 10000 १०००० ১০০০০ ੧੦੦੦੦ ૧૦૦૦૦ ୧୦୦୦୦ 100000 ۱٠٠٠٠٠ Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. 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