निकुंभ n. कृष्ण के द्वारा मारा गया एक दानव (ह.वं.२.८५-९०: षट् पुर देखिये) ।
निकुंभ II. n. प्रह्राद का तृतीय पुत्र
[म.आ.५९.१९] । इसके सुंद एवं उपसुंद नामक दो पुत्र थे
[म.आ.२०१.२०००] ।
निकुंभ III. n. (सू.इ.) अयोध्या के हर्यश्व राजा का पुत्र
[वायु.८८.६२] । इसे संहिताश्व नामक एक पुत्र था
[पद्म.सृ८] ; क्षेमक देखिये । भागवत में इसके पुत्र का नाम बर्हणाश्व दिया हैं ।
निकुंभ IV. n. गणेश का प्राचीन नाम । वाराणसी में इसका मंदिर था । इसकी पूजाआराधना करने पर भी, दिवोदास की स्त्री सुयशा को पुर न हुआ । इसलिये उसने इसका देवालय तथा देवमूर्ति को उद्ध्वस्त किया । फिर क्रुद्ध हो कर, निकुंभ ने वारानसी उद्ध्वस्त किया । फिर क्रुद्ध हो कर, निकुंभ ने वाराणसी उद्ध्वस्त होने का शाप दिया
[ब्रह्मांड.६७.३०-५५] ;
[वायु.९०.२७.५२] ;
[ब्रह्म.११.४३] ; गणपति देखिये । उस शाप के अनुसार, क्षेमक राक्षस के द्वारा,वाराणसी उद्ध्वस्त हो गयी ।
निकुंभ IX. n. स्कंद.का एक सैनिक
[म.श.४४.५२] ।
निकुंभ V. n. कश्यप एवं दनु का पुत्र, एक दानव
[म.आ.५८.२६] ।
निकुंभ VI. n. कुंभकर्ण के वृत्रज्वाला से उत्पन्न हुए दो पुत्रों में से दूसरा पुत्र
[भा.९.१०.१८] । हनुमानजी ने इसका वध किया
[वा.रा.यु.७५] ।
निकुंभ VII. n. रावण के पक्ष का एक राक्षस । नील नामक वानर ने इसका वध किया
[वा.रा.यु.९.४३] ।
निकुंभ VIII. n. दुर्योधन के पक्ष का एक योद्धा
[म.द्रो.१३१.८४] ।