हर्यश्र्व n. प्राचेतस दक्ष के दस हजार पुत्रों का सामुहिक नाम ।
हर्यश्र्व II. n. (सू. इ.) एक इक्ष्वाकुवंशीय राजा, जो भागवत, विष्णु, एवं वायु के अनुसार दृढाश्र्व राजा का पुत्र, एवं निकुंभ राजा का पिता था
[भा. ९.६.२४] । मत्स्य में इसे प्रमोद राजा का पुत्र कहा गया है
[मत्स्य. १२.३३] ।
हर्यश्र्व III. n. (सू. इ.) अयोध्या नगरी का एक राजा, जो भागवत के अनुसार अनरण्य राजा का, विष्णु के अनुसार पृषदश्र्व राजा का, एवं वायु के अनुसार त्रसदस्यु राजा का पुत्र था । एक बार ययातिकन्या माधवी के साथ गालव ऋषि इसकी राजसभा में आये, एवं उन्होनें दो सौ श्यामकर्ण अश्वों की माँग इससे की । पश्चात् इसने गालव को दो सौ अश्व दे कर, एक संतान पैदा कराने के लिए माधवी को अपनी पत्नी बना ली । माधवी के गर्भ से इसे वसुमनस् नामक पुत्र उत्पन्न हुआ । पुत्रोत्पत्ति के बाद इसने माधवी को गालव ऋषि के पास वापस दे दिया
[म. उ. ११४.२०] ।
हर्यश्र्व III. n. माधवी के अतिरिक्त इसकी निम्नलिखित दो पत्नियाँ थीः- १. मधुमती, जो मधु दैत्य की कन्या थी, एवं जिससे इसे मधु नामक पुत्र उत्पन्न हुआ था
[ह. वं. २.३७] ; २. दृषद्वती, जिससे इसे अरुण नामक पुत्र उत्पन्न हुआ था
[ब्रह्मांड. ३.६३.७५] ।
हर्यश्र्व IV. n. काशीदेश का एक राजा, जो काशीराज सुदेव राजा का पिता, एवं दिवोदास का पितामह था । हैहय राजा वीतहव्य के पुत्रों ने इसका वध किया
[म. अनु. ३०. १०-११] ।
हर्यश्र्व V. n. (सू. निमि.) विदेह देश का एक राजा, जो धृष्टेकतु जनक राजा का पुत्र, एवं मनु राजा का पिता था ।