जिसके जन्मसमयमें शुक्र चन्द्रमासे प्रथम स्थित हो उसकी जलमें मृत्यु होती है सन्निपात हिंसा करके ॥१॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे दूसरे हो वह महाधनवान्, महाज्ञानवान्, राजाके समान निश्चय होता है ॥२॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे तीसरे हो वह धर्मवान्, बुद्धिमान, म्लेच्छसे लाभ होता है ॥३॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे चतुर्थ हो वह अधिक कफवाला, दुर्बल, वृद्धावस्थामें धन करके हीन होता है ॥४॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे पॉंचवें स्थित हो वह बहुत कन्याओंवाला, धन करके युक्त और यशसे वर्जित होता है ॥५॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे छठे स्थित हो वह दुष्ट हानिसे भय पानेवाला और युद्धमें पराजय पानेवाला होता है ॥६॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे सप्तम स्थित हो वह पुरुषार्थसे हीन, अप्रवीण, जगह जगहर्में शंकित होता है ॥७॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे अष्टम स्थित हो वह प्रसिद्ध, बडा योद्धा, दानी, भोगी, बडा धनी होता है ॥८॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे नवम स्थित हो वह बहुत भाइयों मित्रों तथा भगिनियोंवाला होता है ॥९॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे दशम हो वह माता पिताके सुख प्राप्तिवाला, बहुत जीवितवाला होता है ॥१०॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे ग्यारहवें हो वह बहुत उमरवाला, शत्रु और रोगकरके वर्जित होता है ॥११॥
जिसके शुक्र चन्द्रमासे बारहवें स्थित हो वह पराई स्त्रीमें रत रहनेवाला, लंपट और ज्ञानसे हीन होता है ॥१२॥
इति शुक्रभावाध्यायः ॥