मेषलग्नमें जिसका जन्म होता है वह घोर, मानी, धनी, सुंदर, क्रोधी, भाइयोंका नाश करनेवाला, पराक्रमी और परायेको प्यारा होत है ॥१॥
जिसका वृषलग्नमें जन्म होता है वह गुरुका भक्त, प्रिय बोलनेवाला, गुणी, कृते, धनी, लोभी, वीर और सबका प्यारा होता है ॥२॥
मिथुनलग्नमें जिसका जन्म होता है वह अभिमानी, भाइयोंका प्यारा, दानी, भोगी, धनी, कामी, धीरे काम करनेवाला और शत्रुओंका मारनेवाला होता है ॥३॥
कर्कलग्नमें उत्पन्न होनेवाल मनुष्य भोगी, धर्मवान्, जनोंका प्यारा, मिष्टान्न आदिका भोजन करनेवाला, सौभाग्यवाला, भाइयोंका प्यारा होता है ॥४॥
सिंहलग्नमें जिसका जन्म होता है वह भोगी, शत्रुओंका मारनेवाला, छोटे पेटवाला, थोडी संतानवाला, उत्साह करनेवाला और रणमें पराक्रम करनेवाला होता है ॥५॥
जिसका कन्यालग्नमें जन्म होता है वह बालक अनेक शास्त्रोंमें निपुण, सौभाग्य और गुणोंकरके युक्त, सुंदर, सुरतप्रिय होता है ॥६॥
जिसका तुलालग्नमें जन्म होता है वह सुन्दर बुद्धिवाला, अच्छे कर्मोसे जीविका करनेवाला, विद्वान्, सब कलाओंका जाननेवाला, धनवान् और जनोंकरके पूजित होता है ॥७॥
जिसका वृश्चिकलग्नमें जन्म होता है वह शौर्यवान् ( महावीर ), धनवान्, पंडित, कुलमें प्रधान, बुद्धिमान् सबका पालन करनेवाला होता है ॥८॥
धनु लग्नके उदयमें जिसका जन्म हो वह नीतिमान् धर्मवान्, सुंदर बुद्धिवाला, श्रेष्ठ कुलवाला, बुद्धिमान् और सबका पालन करनेवाला होता है ॥९॥
मकरलग्नमें जिसका जन्म होता है वह नीचकर्म करनेवाला, बहुत संतानवाला, लोभी, नष्ट, आलसी और अपने काममें उद्यम करनेवाला होता है ॥१०॥
कुंभ लग्नके उदयमें जन्म लेनेवाला मनुष्य स्थिरचित्तवाला, बहुत मित्रोंवाला, सद पराई स्त्रीमें रत, कोमल अंगवाल और महासुखी होता है ॥११॥
मीन लग्नके उदयमें उत्पन्न हुआ मनुष्य रत्न और सोनेसे पूरित, थोडी कामनावाला, बहुत दुर्बल और दुर्बल और बहुत देरतक चिन्तन करनेवाला होता है ॥१२॥
इति जन्मलग्नफलम् ॥