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अध्याय १ - द्वादशमासफल

मानसागरी - अध्याय १ - द्वादशमासफल

सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.

The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.


चैत्रमासमें जन्म लेनेवाला मनुष्य दर्शनीय, अहंकारसहित, श्रेष्ठकर्म करनेवाला, लाल नेत्रोंवाला, क्रोधवान् और चपल स्त्रीवाला स्त्रियोमें चंचल होताहै ॥१॥

वैशाखमासमें जो उत्पन्न होता है वह भोगी ( सर्वसुखयुक्त ), धनवान्, अच्छे चित्त ( विचार ) वाला, क्रोधवान्, सुन्दर नेत्रोंवाला, रुपवान्, स्त्रियोंका प्यारा होता है ॥२॥

ज्येष्ठमासमें जो उत्पन्न होता है वह विदेशमें ( रत ) रहनेवाला, शुभचित्तवाला, बडी उमरवाला और बुद्धिमान् होता है ॥३॥

आषाढमासमें जो उत्पन्न होता है वह पुत्रपौत्रादिसे युक्त, धर्मवान्, धन नाश हो जानेके कारण पीडित, सुन्दरवर्णवाला और थोडा सुख भोगनेवाला होता है ॥४॥

श्रावणमासमें जो उत्पन्न होता है वह सुख, दुःख तथा हानि वा लाभमें एक समान चित्तवाला, मोटा देहवाला और सुरुपवान होता है ॥५॥

भाद्रपदमें जो उत्पन्न होता है वह सदा खुश रहनेवाला, बहुत बात करनेवाला, पुत्रवान्, सुखी, मीठे वचन बोलनेवाला, सुन्दर और शीलवान् होता है ॥६॥

आश्विन मासमें जो उत्पन्न होता है वह सुन्दररुपवाला, सुखी, काव्यरचना करनेवाला, अत्यन्त पवित्रतावान्, गुणवान्, धनी और कामी होता है ॥७॥

कार्तिकमासमें जो उत्पन्न होता है वह धनवान्, काम बुद्धिवाला, दुष्ट आत्मावाला, क्रय ( खरीदना ) विक्रय ( बेंचना ) कर्म करनेवाला, पापी और दुष्ट चित्तवाला होता है ॥८॥

मार्गशीर्षमासमें जो उत्पन्न होता है वह मीठे वचन बोलनेवाला, धनवान्, धर्मवान्, बहुत मित्रोंवाला, पराक्रमी और दूसरोंका उपकार करनेवाला होता है ॥९॥

पौषमें जो उत्पन्न होता है वह शूर, उग्र ( कठोर ) प्रतापवाला, पितर - देवताओंका न माननेवाला और ऐश्वर्यका उत्पन्न करनेवाला होता है ॥१०॥

माघमासमें जो उत्पन्न होता है वह बुद्धिमान्, धनवान्, शूरवीर, निष्ठुर वचन बोलनेवाला, कामी और युद्धमें धीर होता है ॥११॥

फाल्गुनमासमें जन्म लेनेवाला मनुष्य शुक्लवर्णवाला, दूसरोंका उपकार करनेवाला, धनवान्, विद्यावान्, सुखी और सदा विदेशमें भ्रमण करनेवाला होता है ॥१२॥

मलमासमें जो उत्पन्न होत है वह संसारके विषयोंसे विरक्त, श्रेष्ठ कार्य करनेवाला, तीर्थकी यात्रा करनेवाला, रोगरहित, सबका प्यारा और अपना हित करनेवाला होता है ॥१३॥

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Last Updated : January 22, 2014

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