जिसके जन्मसमयमें सूर्य चन्द्रमाके साथ स्थित हो तो वह विदेशगामी, भोगी, कलहमें वासनावाला होता है ॥१॥
जिसके सूर्य चन्द्रमासे दूसरे स्थिर हो तो वह बहुत नौकरों और यशवाला राजासे मान्य होता है ॥२॥
चन्द्रमासे तीसरे सूर्य हो तो वह सुवर्ण, धनका स्वामी. पवित्र, राजाके समान होता है ॥३॥
चन्द्रमासे चतुर्थ सूर्य हो तो वह माताका मारनेवाला, अभक्तिमान् होता है ऐसा पण्डित कहते हैं ॥४॥
चन्द्रमासे पंचम सूर्य स्थित हो तो वह कन्याओं करके असुखी और बहुत पुत्रोंवाला होता है ॥५॥
चन्द्रमासे छठे सूर्य हो तो वह शत्रुओंसे जीतनेवाला, शूर ( वीर ), क्षत्रिय धर्मके कर्ममें सदा रत रहनेवाला होता है ॥६॥
चन्द्रमासे सातवें सूर्य स्थित हो तो वह सुन्दर स्त्रीवाला, शीलवान्, राजमान्य और बडा तपस्वी होता है ॥७॥
जिसके चन्द्रमासे आठवें सूर्य स्थित हो वह सदा क्लेश सहनेवाला, अनेक रोगोंसे पीडित होता है ॥८॥
चन्द्रमासे नवम सूर्य स्थित हो तो वह मनुष्य धर्मात्मा, सत्य बोलनेवाला, बन्धनका क्लेश पानेवाला होता है ॥९॥
जिसके चन्द्रमासे दशम सूर्य स्थित हो तो उसके दरवाजेपर धनवान् ठहरैं अर्थात् अधिक धनवाला और प्रतापी होत है ॥१०॥
जिसके चन्द्रमासे ग्यारहवें सूर्य स्थित हो तो वह राजगर्वी, अधिक वेत्ता, प्रसिद्ध, कुलका नायक होता है ॥११॥
जिसके चन्द्रमासे सूर्य बारहवें हो तो वह नेत्रोंमें अल्प प्रकाशवाला और क्रोधी होता है ॥१२॥
इति सूर्यभावाध्यायः ॥